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shruti chowdhary

Abstract Drama Fantasy

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shruti chowdhary

Abstract Drama Fantasy

दोस्ती

दोस्ती

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क्या अजीब किस्सा है

खुद को मित्र कहते है 

पर कभी मिलते नहीं

प्यार की बारिश होती है

पर वार्तालाप नहीं करते

नजरें मिलती है जरूर

पर गले लगते नहीं


पहली मुलाकात का हुआ जो असर

पक्की डोर सी बंध गयी 

सपने बुनते एक दूसरे के लिए

पर निभा नहीं पाते

मन में कोई पाप नहीं 

दया का पात्र बनते है


मुड़कर भी शिकायत नहीं करते 

इच्छुक होते मिलने के लिए

पर मजबूरी बाधा डालती है

क्या ये सिलसिला कभी समाप्त होगा

या फिर दिल टूटते रहेंगे

और तमन्नाएं बिखरेगी


ये दोस्ती तो है सादगी वाली 

लगती खाली पर जान से प्यारी

जिंदगी अजीब है 

ये प्यार भी अजीब है

मौन रहकर यादों में बस जाते

साँसों को तृप्त करते 

ये दोस्ती न भूलने वाली 

सच्ची मित्रता की पहचान

अजीब सन्देश हमें दे जाती... 


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