मेरी हिंदी
मेरी हिंदी
एहसासों की अभिव्यक्ति को जो स्वतंत्र मेरी हिंदी
सहज, सरल स्वरूप में साकार मेरी हिंदी,
जो राष्ट्र है शरीर उसकी रीढ़ मेरी हिंदी,
धर्म जाति के बंधन से जो मुक्त मेरी हिंदी,
राम रहीम के दोहों में भी झलक रही हिंदी
किसी आईने सी साफ़ हो वो रूह मेरी हिंदी,
देश भक्ति के रंग में हर पर रंगी मेरी हिंदी,
राष्ट्रगान और राष्ट्र गीत में सजी मेरी हिंदी,
अंग्रेजी भाषा की जिसको नज़र लगी हिंदी,
हिला न अस्तित्व फिर भी जिसका ऐसी
अडिग मेरी हिंदी॥