Tanmay Binjrajka
Comedy Inspirational Romance
पता ही नहीं च...
आसान नहीं बदल...
अकेला
सलाम ज़िंदगी!
इश्क़
शायरी
कमज़ोर नहीं ह...
फिर मिलेंगे य...
क़ाबिल
यार मेरा
देश दुनिया में बड़ा नाम कमाऊंगा बड़ा नेता जो हो जाऊंगा। देश दुनिया में बड़ा नाम कमाऊंगा बड़ा नेता जो हो जाऊंगा।
जो जिंदगी के सफर में दे जाएंगी मधुर यादें। जो जिंदगी के सफर में दे जाएंगी मधुर यादें।
खाए वो अधिक पछताए, पर जीवन में खुशियां पाए। खाए वो अधिक पछताए, पर जीवन में खुशियां पाए।
काली बरसात की एक रात में हम सब लोग बैठें थे साथ में। काली बरसात की एक रात में हम सब लोग बैठें थे साथ में।
हमसफ़र ने वह चाट खाकर अपना होश खो दिया। हमसफ़र ने वह चाट खाकर अपना होश खो दिया।
तो बिन पिए इस मौसम में, कैसे रहेंगे जिंदा यार। तो बिन पिए इस मौसम में, कैसे रहेंगे जिंदा यार।
प्रत्यावर्तन संभव हो पाएगा...? ये निस्संदेह गौर करने वाली बात है। प्रत्यावर्तन संभव हो पाएगा...? ये निस्संदेह गौर करने वाली बात है।
इनकम टैक्स वह रहें चुकाते और भले भाड़ में वो जाएं। इनकम टैक्स वह रहें चुकाते और भले भाड़ में वो जाएं।
लंदन से मेरे लिए पेस्ट्री मंगवाएं, वह सिर्फ मेरा ही मेरा रह जाए। लंदन से मेरे लिए पेस्ट्री मंगवाएं, वह सिर्फ मेरा ही मेरा रह जाए।
"वो" चाय पार्टी मेरे जीवन का अमूल्य अंग बन गई। "वो" चाय पार्टी मेरे जीवन का अमूल्य अंग बन गई।
आओ अब तो सबक ले, मिलक चलेंगे हम, मंजिल लगेगी पास तो, मिट जाएंगे सब गम।। आओ अब तो सबक ले, मिलक चलेंगे हम, मंजिल लगेगी पास तो, मिट जाएंगे सब गम।।
ग़म के गहरायी में मैं डूबी रही सदियों अब ज़िस्म को लहू में उबाल रही हूँ। ग़म के गहरायी में मैं डूबी रही सदियों अब ज़िस्म को लहू में उबाल रही हूँ।
ये बहुत लिखता है हमारे बारे में, उसे सबक सिखाते हैं,। ये बहुत लिखता है हमारे बारे में, उसे सबक सिखाते हैं,।
खिली खिली है मित्र आपकी जिसे सब कहते हैं 'नीरजा कमलिनी'। खिली खिली है मित्र आपकी जिसे सब कहते हैं 'नीरजा कमलिनी'।
और करेला नीम कडू सही खाकर करलो अपनी मीठी जुबान ! अंत करते हम यही कविता में करेला नीम का और करेला नीम कडू सही खाकर करलो अपनी मीठी जुबान ! अंत करते हम यही कविता में कर...
तीन हड़िया तीन कैसी कैसी दो हड़िया तो फूटल फाटल तीन हड़िया तीन कैसी कैसी दो हड़िया तो फूटल फाटल
सादर पड़ा हूँ एक कोने में , घिसी हुई माचिस की अधजली तीली सा। सादर पड़ा हूँ एक कोने में , घिसी हुई माचिस की अधजली तीली सा।
दो छुट्टियों के बाद में आया, सोमवार का दिन दो छुट्टियों के बाद में आया, सोमवार का दिन
आम के अचार का स्वाद न लें, ऐसा कोई सवाल नहीं। आम के अचार का स्वाद न लें, ऐसा कोई सवाल नहीं।
मेरी ग्रहस्ती की नैय्या का न कोई किनारा। जबसे हुयी है शादी, मैं बन गया बेचारा। मेरी ग्रहस्ती की नैय्या का न कोई किनारा। जबसे हुयी है शादी, मैं बन गया बेचा...