अधूरे वादे
अधूरे वादे
हैं अधूरे वादे जो आँखों में सजे हैं,
ज़िन्दगी है मेरी ना जाने दिल में क्यों बसी है,
हवाओं में ऋतु बनकर चली हैं।
ज़िन्दगी के ख्वाबों में एक ख्वाब बनकर बसी है,
चाहत भरी निगाहों में एक चाहत बनकर चली है,
हैं अधूरे वादे जो आँखों में सजे हैं।
दहकते दिल में एक धड़कन बनी है,
मुस्कराहट एक प्यार की कहानी बनी है,
छलकती आँखों के आँसू से एक जिंदगानी बनी है।
हैं अधूरे वादे जो आँखों में सजे हैं
कभी फुरसत मिले तो याद कर लेना,
जिंदगी जब चलेगी दुबारा तो मुलाकात कर लेना।
मुश्किलें नहीं बड़ी होती है जहाँ में अरमानों से,
रास्ते कठिन नही होते हैं बुलंदियों के पैमानों से,
हट कर चलो इस जालिम दुनिया के बहानों से।