एक ख्वाब
एक ख्वाब
एक ख्वाब देखा था मैंने,
बनाऊँगा एक घर ,
नीले समुन्दर के किनारे,
बालू के बिस्तर पर ।
होगी मुलाकात चाँद के साथ,
आसमान और समुन्दर में,
खोये रहूँगा तुम्हारे साथ,
और चाँद के ख्याल में ।
रात भर बुनुंगा तुम्हारी सूरत,
आसमान की कानभास पर,
सपनों में डूबकी मारके,
प्यार करूँगा बेशुमार ।
साथ में चलेंगे चाँद पर,
सपनों के विमान में,
करेंगे बहुत मौज और मस्ती,
ठंड़ी ठंडी हवा में ।
जिऊँगा तुम्हारे ख्याल में,
अपनों को भूल कर,
जिएँगे हम ज़िन्दगी,
हर पल खुशियाँ बाँट कर ।