असल में भगवान कहाँ है
असल में भगवान कहाँ है
मंदिर सजा है मूर्ति से
भगवान को यहाँ पूजते हो ।
असली भगवान तो घर में है
क्या तुम उन्हें भी याद करते हो ?
बाग में फूल तो खिलती है
बिखरती है उसकी सुबास
घर में तो असली कली है
है ये अनमोल और मिठास ।
माँ और बाबूजी सबसे प्यारा
स्वर्ग से भी बड़ा ये नाम
उनके आशीष से बड़ा न कोई
ज़िन्दगी का जितनी काम ।
बेटा और बेटी है अनमोल रतन
देखभाल करो उनके अच्छा ।
बनेंगे एकदिन भविष्य दायद
बनेंगे देशप्रेमी सच्चा ।