बचपन भाग-1
बचपन भाग-1
रूठ जाता हूँ,माँ से अभी भी
वो भी रूठ जाती मुझ से,कभी कभी
मेरा क्रोध, दुलार उसका
न वो बदली, न मैं बदला
थाली लेकर जाता हूँ, उसको भूख नहीं होती
हौले हौले फिर खाना ख़त्म कर देती
पोंछ कर मुँह / हाथ, धीरे से मुस्कुरा देती
शुगर हो गयी है तुझको, मत खा
मलाई / चीनी खाते मुझे रोक देती
चोरी पकड़ी जाने का, कोई बहाना नहीं सूझता
कटोरी को धीरे से रख उठ जाता हूँ
एक चम्मच मलाई मेरी हथेली पर धर देती
बस इतना खा, जा बाहर टहल आ
आँखो में वही प्यार डाँट भरा
मैं पचास पार का छोटा बच्चा,
मेरा बचपन चल रहा है अभी भी।