Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Priyanshi Sah

Drama

2  

Priyanshi Sah

Drama

नारी

नारी

1 min
170


अपनी परेशानी किसी को ना बताती,

स्वयं को किसी का कष्ट नहीं बनाती।

इसलिए वह नारी कहलाती है,

सब कुछ सहती पर किसी को कुछ नहीं बताती है।


दूसरों की परेशानी चुटकी में भगाती,

घर और परिवार दोनों को संभालती।

इसलिए वह नारी कहलाती है,

अगर ठान ले तो कुछ भी कर दिखाती है।


कभी दुर्गा, तो कभी लक्ष्मी कहलाती,

कभी वीणा लिए सरस्वती बन जाती।

इसलिए वह नारी कहलाती है,

माँ, बहन और बेटी के रूप में आती है।


दिल में जो बीतता, वह दिल में ही सहती,

काम के साथ-साथ बच्चों को पढ़ाती।

इसलिए वह नारी कहलाती है,

उसके बिना दुनिया नहीं चल पाती है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama