माँ
माँ
बड़ा ही अद्भुत शब्द है मां,
मां के बिना कैसा होता यह जहां।
मां है देवी का रूप,
मां ही है सरस्वती का स्वरूप।
मां की ममता का करें गुणगान,
मां ही है हम सब की पहचान।
मां के बिना क्या होता यह जहां,
सब कुछ तो तुम ही हो मां।
मां के अंदर भरी है आशा,
मां है तो किस बात की निराशा।
मां बिखेरती है ममता की धूप,
मां ही है नारी शक्ति का स्वरूप।
मां है एक अद्भुत इंसान,
करना चाहिए हमें मां का सम्मान।
मां की ममता को मत समझो उपकार,
मां के रूप में मिला है एक अद्भुत उपहार।