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Meera Parihar

Classics

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Meera Parihar

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भोले जी

भोले जी

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भोले जी भोले जी , सब के प्यारे भोले जी

 माफ कर देना हमें, भूल जो हमसे हुई

खिल गया मन मेरा, पा के दर्शन तेरा 

आस्था है विकट, मैं आ गया निकट 

भोले जी भोले जी सबके प्यारे भोले जी


हरिद्वार से बाबा, पावन जल लाया

 गदगद है मन रोम-रोम मेरा हर्षाया 

दिया सहारा बाबा तेरी भक्ति ने

 अलख जगाया घर-घर तेरी शक्ति ने 


अपना जब से तुमने हमको बनाया है

 यह जग लगता झूठा भ्रम और माया है 

आज छुपा लो नाथ मुझे तुम अपने में

 ज्यों छुप जाता चाँद मेघ से अम्बर में 


जटा बसी है नाथ तुम्हारे हर गंगे 

जन्म- जन्म का साथ मात गौरी संगे

लिपटे हैं प्रभु नाग अंगों में ज्यों गहने

 शोभित है मणिहार, गले में क्या कहने।


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