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सोनी गुप्ता

Classics Inspirational

4  

सोनी गुप्ता

Classics Inspirational

किताबों की दुनिया

किताबों की दुनिया

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मैं भी पढ़ना चाहता हूँ, 

देखना चाहता हूँ किताबों की दुनिया, 

इस कचरे के झोले को छोड़कर, 

किताबों का झोला उठाना चाहता हूँ, 

वो किताबों के पन्ने कैसे दिखते हैं? 

क्या एहसास होता है उसको छूने पर? 

किताबों के बारे में बहुत कुछ जानना चाहता हूँ, 

किताबों की दुनिया मैं भी देखना चाहता हूँ, 


कल ही देखा था कुछ बच्चों को, 

उनके हाथों में सुंदर सुंदर चित्र वाली किताबें, 

इन किताबों को पढ़ने का मन मेरा भी होता है, 

दिल करता है इन किताबों को सीने से लगा लूं, 

वो सुंदर चित्रों वाली किताबें देखना चाहता हूँ, 

किताबों की दुनिया मैं भी देखना चाहता हूँ I


कल बाबा से मैंने तो कह दिया, 

बाबा मुझे भी किताब लाकर दो पढ़ने के लिए, 

एक झोला ला दो किताब रखने के लिए, 

ला दो वो किताब मेरे लिए भी, 

जिसे तरस रहा हूँ मैं पढ़ने के लिए, 

मैं भी विद्यालय जाना चाहता हूँ, 

किताबों की दुनिया ,मैं भी देखना चाहता हूँ I


पढ़ लिखकर एक बड़ा अफसर बन जाऊँगा, 

बाबा तुमको एक नई दुनिया दिखाऊँगा, 

जब मैं किताबों को अपने घर में सजाऊंगा, 

मैं भी दूसरे बच्चों की तरह पढ़ना चाहता हूँ, 

किताबों में लिखें अक्षरों को देखना चाहता हूँ, 

कैसी होती है लिखावट ? कैसे होते हैं अक्षर ? 

किताबों के बारे में बहुत कुछ जानना चाहता हूँ

किताबों की दुनिया, मैं भी देखना चाहता हूँ I


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