मेरी याद
मेरी याद
तुम नजरों में बस रही हो
मेरी यादों में सज रही हो।
तुम्हें थाम लूं जिंदगी मान लूं
हीना सी रचती जा रही हो।
तुम्हारी रजामंदी सुरूर बन रही है
अपनी धड़कनों में मुझे बसा रही है।
तुम्हारा इजहार मेरा नसीब लिख रहा है
धीरे-धीरे मेरे दिल में समा रहा है।
पल पल में तुम्हारी खुशबू बिखर रही है
जन्नत से भी हंसी यह शाम लग रही है।