देखो ! सूर्योदय हुआ
देखो ! सूर्योदय हुआ
मेरी परछाई,
तस्वीर तो मैंने,
मेरी थी खिचाई,
देखो ! सुर्योदय हुआ...
अंधेरों में लिपटी धरा को,
रोशन करने के लिए,
बागिया के फूलों में
महक भरने के लिए !
जीवित हूँ,
आँखें झिलमिला रही,
सांसों में यौवन के,
रंग भरने के लिए !
मेरे अस्तित्व की,
'पहचान' बनने के लिए,
देखो ! सुर्योदय हुआ...