कब तक
कब तक
“फूट डालो और राज करो” हम
ये इजाज़त आख़िर कब तक देंगे।
जातिवाद के नाम पर औरों को
हम देश कब तक बाँटने देंगे।
कब तक मंदिर मस्जिद की यूँ
ढाल हम बनने देंगे।
मानवता से खिलवाड़ करे सब
ये आज़ादी उनको कब तक देंगे।
तीन रंगों से बना यह भारत
गगन व धरती सी इसमें ताक़त है।
किसी एक रंग की बात कर
इसकी ताक़त कब तक घटने देंगे।
देश की आन बचाने को जब
एक होकर सब क़ुर्बान हुए।
आज हम जाति धर्म पर आख़िर
सियासत कब तक होने देंगे।
धर्म जाति के बंधन तोड़,
देश को लहू से तिलक लगाया है।
उन वीरों की शहादत को
शर्मसार कब तक होने देंगे।
“फूट डालो और राज करो” हम
ये इजाज़त आख़िर कब तक देंगे।