STORYMIRROR

Prakash Chavhan

Abstract Romance Tragedy

3  

Prakash Chavhan

Abstract Romance Tragedy

प्रेमच एक अमर बाजू

प्रेमच एक अमर बाजू

1 min
265

====================

*एक बाजू माझी 

एक बाजू तुझी ग 

बाजू बाजू मधी 

एक चालल संसार *

------------------------------------------

*दिस निघतं आपलं 

प्रेमाचं भाडं घेऊन

एक हाती तुझं 

एक हाती मज*

-------------------------------------------

*गाडी हाकते प्रेम 

जीव जीवात मिळून

विश्वासाची ठेव अशी 

नभासनि बरसून येतं*

--------------------------------------------

*तया पण संशय काटा 

टोचून कधी उघाड करतं 

 नंतर तरसावत जीव 

बहरतं प्रेम जीवाला* 

-------------------------------------------

*मग पडती उमटून बाजू

पुन्हा आतुरती भेटावया 

समजदारी चपवा घेऊन 

काटा काढती संसार पाया*

--------------------------------------------

*दुःखात होती जाणीव एक 

बाजू बाजू नसतं घेणं 

एकमेकांतं एक होणं 

यातच खरं जीवन असतं*

-------------------------------------------

*एकाला ठेचं लागावं 

रडू दुसऱ्याला यावं 

 असं प्रेम प्रेमाचीच ग 

प्रेमचं एक अमर बाजू*

-------------------------------------------

*दगडात पण जीव भरून 

जीव आणावं त्यानं 

सर्व बाजू सामावून 

चालतं गं ते ऐटीत*

====****====****====


Rate this content
Log in

Similar marathi poem from Abstract