प्रेम तळमळला
प्रेम तळमळला
*प्रेम तळमळला
सखा रे पडताच तू
घाव बघून घाव
हुर्दयी मज उमटले*
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*स्तब्ध तुज वागण्याने
मोठा होऊन तू
हुशार खरा,
अल्लडपणा सोड ना रे*
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*सुलझ उलझ
जिणं वयात खरं
रंग भर चांगले
बेरंग का होतो रे*
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*सदा सदिच्छा पाठीशी
जिवा भावाचं बंध रें
ऐक समजून
काळजी घे जीवाची*
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*अनमोल ठेवा हा
सहीसलामत राहणं
अन् राहून जगण्यात
यश पचवणे महत्वाचं रे*
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*असं व्यक्त अव्यक्त प्रेम
भोवताली तुज रें
जीव सांभाळून तोडू नको मित्रता
सावली ही एक मायेचीच रे*
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