STORYMIRROR

Anupama TawarRokade

Classics

4  

Anupama TawarRokade

Classics

महाशिवरात्री

महाशिवरात्री

1 min
442

महाशिवरात्री। एका हो कहाणी।

नारदाची वाणी। सत्य असे॥१॥


देवाधि दैवत।ओकांर स्वरूप।

असे लिंग रूप। महादेव॥२॥


दिन शिवरात्री। बोले उमा देवा।

कोणा मिळे मेवा। श्रेष्ठ भक्त॥३॥


सावकार व्याधा। कोण भक्त खरा। 

कसोटी घ्या जरा।महादेवा॥४॥


फेके मृगशेला। उमा धरेवरी।

व्याधपत्नी नारी। प्रेम जाणे॥५॥


सावकारीण तो। मागतसे शेला।

धाडे शिकाऱ्याला।शिकारीस॥६॥


रात्र भर व्याध। बेलच्या झाडीत।

बसून पाळत। ठेवतसे॥७॥


ओठी नाम शिवा। मनी पत्नी असे।

मृग त्यास दिसे। नेम धरी॥८॥


विनवित मृग। प्राण मोक्ष थोर।

लागे मना घोर। ओठी शिवा॥९॥ 


सावकार रचे।दारी मोठी पुजा।

अहंकार दुजा। मनी असे॥१०॥


शिकारी वनात। रात्र वैरी मोठी।

नाम शिव ओठी। तारी देव॥११॥


अनुजा स्मरते।शिव माझा भोळा। 

भक्तीचा सोहळा। नित्य मनी॥१२॥


Rate this content
Log in

Similar marathi poem from Classics