जागर
जागर
शक्ति जागर हा
वीररस गान हे
धर्म युद्ध पर्व हे
अधर्म संहार हा
भाव भक्ति प्रेम हे
लीन तल्लीन फेर
ना रंग, श्रुंगार नृत्य
ना भोग, मस्ती केवल
ना अहं कोश वीण
ना रुप प्रदर्शन मात्र
शक्ति जागर हा
वीररस गान हे
धर्म युद्ध पर्व हे
अधर्म संहार हा
भाव भक्ति प्रेम हे
लीन तल्लीन फेर
ना रंग, श्रुंगार नृत्य
ना भोग, मस्ती केवल
ना अहं कोश वीण
ना रुप प्रदर्शन मात्र