पुष्टीपति
पुष्टीपति
साक्षात ब्रह्म तव विष्णुच रुद्र
प्रथमपुज्य विघ्नेश्र्वर विघ्नराज
दुर्बुद्धी दुर्मती संहारक तुम्हीच
नाम पुष्टीपती विनायक असे
अंबिका भक्त एक दुर्मती नाम
लाभले शक्ति वरदान त्यास
अंहकारे मस्तवाल गर्जतो
त्रिखंडी अत्याचार भयंकर
कैलास ही थरथरे तसाच
शिव शक्ति करितसे व्रत
मृत्तिका पूजन नित्यदिन
आवाहन महागणपतिस
अतिप्रचंड रुप हे प्रकट
वंदन प्रार्थना हि तयास
बालस्वरुप असावे समिप
तोच गणेश जन्म दिन आज
वैशाख पौर्णिमा अवतार
लक्ष्मी नारायण कन्या पुष्टी नाम
हाच समय मुहुर्त हाच जन्म दिन
पति विनायक हाच जीचा
पुष्टीपती तवनाम पुजनीय
दुर्मतीस समजावे बहुत
परी मूढ तो युद्धास आतुर
परशु प्रहारे दंतघात गणेशास
तोच दंत शस्त्र प्रहार परतुन
शिरच्छेद दुर्मती उद्धार त्वरित
अवतार कार्य सफल संपूर्ण
श्रीकृष्ण रुक्मिणी पुजती विवाही
द्वारकाधीश ही स्यमंतक पर्वी
शनिशाप निष्प्रभ स्मरण मात्रेण
अगस्तिस शक्ति वरदान प्रसाद
मंगलमयी हा महिमा अनंत
दुर्बुद्धी दुर्मती संहारक गणेश
नाम पुष्टीपती विनायक तयास
