STORYMIRROR

Savita Kale

Abstract

3  

Savita Kale

Abstract

भेटीची आस

भेटीची आस

1 min
148

चंद्रभागा तिरी। सुंदर गोजिरी। 

मुर्ती मनोहर। विठोबाची।। १।। 


अवघाचि देह। नामजपी लीन। 

नामसंकीर्तने। विठुचिया।। २।। 


वैष्णवांचा मेळा। पंढरी नगरी। 

नामघोष करी। श्रीहरीचा।। ३।। 


विष्णुमय सृष्टि। झाली अवघिची।। 

प्राणसखा उभा। विटेवरी।। ४।। 


श्वास हा आतूर। रूप पाहण्यास। 

भेटीचिया तुझी। लागे आस।। ५।। 


Rate this content
Log in

Similar marathi poem from Abstract