Priyanka Gupta

Drama Inspirational Others

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Priyanka Gupta

Drama Inspirational Others

ज़िन्दगी की रेसिपी

ज़िन्दगी की रेसिपी

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शिवि ने अपना फेवरेट पिंक कलर का टॉप निकाला। टॉप पर मेहन्दी कलर के बड़े -बड़े फूल बने हुए थे। वी -नेक के टॉप की स्लीव्स छोटी -छोटी थी। सेल से शिवि को यह टॉप काफी कम कीमत में मिल गया था। टॉप के साथ पहनने के लिए उसने नेवी ब्लू कलर की जीन्स निकाली। जीन्स -टॉप पहनकर ,उसने आँखों में हल्का सा काजल लगाया और होंठों पर लिप बाम। बाल कंघी करके उसने उन्हें बाँधकर पोनी बना ली थी। हैंडबैग साइड में लटकाकर ,वह अपने रूम से बाहर आ गयी थी। 

की -होल्डर से स्कूटी की चाबी लेकर ,वह घर से निकलने की तैयारी ही कर रही थी कि शिवि की मम्मी कल्पना रसोई से बाहर आ गयी थी। 

"कहीं जा रही हो ? आज एक दिन तो घर पर रुक जाओ। लंच पर बातें करते। "

"आ का प्लान बहुत दिनों से बना रखा था। आप का वश चले तो मुझे घर पर बाँध दोगी। यहाँ बैठकर क्या करूँगी। मैं जा रही हूँ। ",शिवि ने अपने क्रॉक्स पहने और चाबी घुमाते हुए निकल गयी। 

"अरे ,छाछ तो पी जा। गर्मी में तरावट बनी रहती है। कब तक आएगी ,यह तो बताती जा। ",हर माँ की तरह कल्पना जी ने अपनी बच्ची के लिए फिक्रमंद होते हुए ,पीछे से आवाज़ लगाते हुए कहा। 

"इनके रोज़ -रोज़ के पचास साल ,इस घर से तो जेल भी बेहतर ही होगी। ",शिवि ने बड़बड़ाते हुए अपनी स्कूटी स्टार्ट की और फुर्र से निकल गयी। 

"लंच तो घर पर ही करेगी ?"कल्पना जी बाहर दरवाज़े तक आयी ,लेकिन तब तक शिवि निकल गयी थी। 

शिवि और उसके दोस्तों ने पहले मूवी देखी ,फिर वो लोग मॉल में घूमते रहे। भूख लगने पर ,वहीं उन्होंने बर्गर खा लिया था। इस बीच शिवि को कल्पना जी कई बार फ़ोन कर चुकी थीमैसेज भी कर चुकी थी। शिवि ने न तो फ़ोन ह उठाया था और न ही मैसेज का जवाब दिया। 

तब ही ग्रुप के हैंडसम हंक यश ने कहा कि ,"गाइज ,शहर के बाहर चलते हैं। सुनसान सड़क पर बाइक रेस लगाते हैं। हर बाइक पर एक ब्वॉय के साथ एक गर्ल बैठ जाना। "

"अरे वाह ,बहुत ही बढ़िया आईडिया है। बहुत मज़ा आएगा। ",ज्यादातर ने तालियाँ बजाकर इस विचार का समर्थन किया। 

"मॉम का फ़ोन उठाऊँ या मैसेज ही कर देती हूँ।",शिवि अभी भी अपने मोबाइल के साथ ही उलझी हुई थी। 

"सॉरी यश ,मैं नहीं आ सकती। ",कृतिका की आवाज़ ने शिवि का ध्यान मोबाइल से खींच लिया था। 

"क्यों यार? तू नहीं चलेगी तो यह प्रखर भी नहीं जाएगा।" यश ने नाराज़ होते हुए कहा। 


"मैंने अपनी मॉम को प्रॉमिस किया था कि आज उनके साथ मूवी देखने जाऊँगी।",कृतिका ने अपनी स्कूटी पर सवार होते हुए लापरवाही से कहा । 

कृतिका शिवि के कॉलेज की सबसे आधुनिकतम लड़की थी, आज़ाद ख्यालों की कृतिका को उसके घर से बहुत छूट मिली हुई थी, ऐसा शिवि का सोचना था, इसीलिए शिवि उससे जलती भी थी। हम जिसका जैसा बनना चाहते हैं, लेकिन बन नहीं पाते उस से जलते हैं। 

"सीरियसली तुम अपनी मॉम के साथ मूवी देखने जाओगी।",शिवि ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा । 

"क्यों ? तुम हॉलिडे पर अपने परिवार के साथ कहीं नहीं जाती क्या ? ",कृतिका ने शिवि के लहजे को नज़रअंदाज़ करते हुए कहा । 

"डिअर शिवि, ज़िन्दगी की रेसिपी स्वादिष्ट बनाने के लिए परिवार, मित्र ,नौकरी ,हॉबी सभी की आवश्यकता होती है । सभी को सही अनुपात में वक़्त देना चाहिए नहीं तो ज़िन्दगी बेस्वाद हो जाती है । ओके बाय दोस्तों मैं चली । ",कृतिका अपनी स्कूटी स्टार्ट करके चली गयी थी । 

"चलो ,हम भी बाइक रेस के लिए चलें । "यश ने कहा । 

"मैं भी घर जा रही हूँ । "शिवि ने अपनी ज़िन्दगी की रेसिपी को भी कृतिका की तरह स्वादिष्ट बनाने का निर्णय ले लिया था । 


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