ये प्रेम हैं या बवाल
ये प्रेम हैं या बवाल
प्रेम अंधा होता है प्रेम वह नही जो पाना हो प्रेम तो वह है जिसमे डूब जाना होता है।
वक्त बदलता है, इंसान बदलता है पर वह प्रेम नही बदलता। प्रेम का जो रस पी गया वह उसमें दिलों व दिमाग में चढ़ गया प्रेम वह है जिसमें हम दूसरों से आशा ऱखते है पर ऩिराशा के समान कुछ नहीं मिलता। प्रेम जिस्म से भी और दिल से भी हो सकता है।
दो तरफ का प्यार सच्चा होता है एक तरफा प्यार झूठ की नीव पर होता है गुलाब अपनी महक हर जगह सुगंध बना देता है और जहर अपना असर दिखा देता है, जिसको मिला प्यार वह सही जिसको न मिले कर लो थोड़ा इंतजार वक्त पर मिल जाएगा, कुछ तो बर्बाद हुए कुछ तो अंजाद हुए।
प्रेम मे दिल तो नासमझ है जो गलत रास्ते पर चलता है,
प्रेम पहले खुद से करोगे तब ही दूसरो तक पहुँच पाना सभवं है, प्रेम टूट कर मत करना न तो टूट ही जाओगे,
प्रेम तो केवल किताबी बातो मे रह गया है|
व्यक्ति कितना भी मजबूत हो पर उसका दिल कमजोर होता है शराब की तरह ये दिल व दिमाग पर असर करता है। प्रेम तो राधा-कृष्ण ने भी किया था। प्रेम गलत मार्ग के दर्शन भी कराता है और अच्छा मार्ग भी दिखाता है। कोई इस जंजाल मे फँसा रहता है कोई इससे मुक्त हो जाता है.एक होता है आँखो से प्यार, एक होता है दिल से प्यार, एक होता है दिमाग द्वारा रचा प्यार। जो न मिले वह होता है प्यार जो असानी से मिल जाए वह होता है दिखावटी प्यार. प्यास तो हर किसी को लगती है चाहे वह प्रेम की हो चाहे वह पानी की हो।
तुम्हारा समय अच्छा हो तो करो प्यार -व्यार न तो करो सीधा इंकार। समय भागता जाएगा प्रेम तुम्हें पागल बनाऐगा।