वर्तमान से भविष्य तक

वर्तमान से भविष्य तक

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सुनिये, गुड़िया 4 साल की हो गई है। अब तो इसके भविष्य के बारे में सोचिए

अरे क्या सोचना है। पगली बड़े-बूढ़े कह गए हैं। पूत कपूत तो क्यों धन संचय। पूत सपूत तो क्यों धन संचय।

कैसी बात करते हो आप! इसकी पढ़ाई, शादी। हर काम में पैसा चाहिए। सपूती हो तब भी। कपूती हो तब भी।

अरे छोड़। तुझसे कुछ छुपा है क्या? अपनी इतनी कमाई कहाँ है। यहाँ खाने के पूरे नहीं पड़ते। जोड़ने की बात छोड़।

देखिए। गुड़िया को लेकर आज एक स्कूल में गई थी। वो बोले हमारे यहाँ आया का काम कर लो। आधे दिन का काम है। तनख़्वाह 3500 देंगें। बच्चे की पढ़ाई मुफ़्त। दोनों काम हो जायेगें। बोलिये ना। हाँ कर दो ना। कारखाने में काम करने से मना करते थे। यहाँ हाँ कर दो।

एक दम उसे लगा जैसे हज़ार हाथ उसके साथ उसकी मुसीबत काटने लगे हों।


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