वो दिन कहाँ गए
वो दिन कहाँ गए
मोहल्ले में शांति पसरी हुई थी। बच्चे घर मे बैठे हुए ऊब रहे थे। नानी के घर आ कर भी बच्चे मस्ती नहीं कर पा रहे थे।
“मम्मी हम घर कब जाएंगे?”
“अभी तो आए थे।”
“हाँ लेकिन मन नही लग यहाँ।”
“क्योंकि वो दिन नहीं रहे अब।”
वो दिन कहाँ गए मम्मी?”