Akanksha Gupta (Vedantika)

Inspirational

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Akanksha Gupta (Vedantika)

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रिश्तों का सामंजस्य

रिश्तों का सामंजस्य

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आज सुमन का ससुराल में पहला दिन था। सब लोग नई वधू के आने से बहुत ख़ुश थे सिवाय उसके पति के। उसका पति नवीन इस अरेंज मैरिज से खुश नहीं था। उसे लगता था कि बिना किसी को जाने उसके साथ पूरी ज़िंदगी गुजारना आसान नहीं होता हैं जबकि लव मैरिज में होने वाले पति पत्नी एक दूसरे को जान समझ कर ज़िंदगी में आगे बढ़ते हैं।


इन्हीं विचारों के चलते नवीन सुमन को पत्नी का सम्मान नहीं दे पा रहा था। हालांकि उसने सुमन के साथ दोस्ती का रिश्ता कायम कर लिया था लेकिन उसके मन मे अपने इस रिश्ते को लेकर संशय था।


एक दिन नवीन के दोस्त विजय का फोन आया। उसने और उसकी पत्नी निशा ने तलाक लेने का फैसला किया था जबकि उन दोनों ने लव मैरिज की थी लेकिन उन दोनों के रिश्तों का सामंजस्य खत्म हो गया था।


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