Akanksha Gupta (Vedantika)

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Akanksha Gupta (Vedantika)

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एक तरफा रिश्ता

एक तरफा रिश्ता

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प्रिय मोहन,


मैं कौन हूँ, ये तो तुम कभी जान नहीं पाओगे लेकिन मैं तुमसें आज अपने जीवन का सबसे बड़ा सत्य बताना चाहती हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि तुम मेरी भावनाओं का सम्मान करोगे।


तुम्हें याद हैं, जब तुम कॉलेज में पहली बार आए थे तो तुम एक लड़के से टकरा गए थे जो तुम्हारे सीनियर के रूप में तुम्हें धमकी देने लगा था। मैं भी वही खड़ी हुई सब देख रही थी। मेरे लिए यह बात कोई नई नहीं थीं क्योंकि पिछले दो साल यही सब तो देखा था मैंने। 


लेकिन सच कहूँ तो मुझे सबसे अधिक आश्चर्य तब हुआ, जब उसके कहने पर तुमने मेरे साथ कोई बदतमीजी नहीं की। तुमने अपने करियर बनाने से ज्यादा एक लड़की के सम्मान को तरजीह दी। और यही वजह थी कि मैं आज भी दिल से तुम्हारा सम्मान करती हूँ।


मुझे जब-जब कोई परेशानी होती थी तो तुम एक बड़े भाई की तरह मेरी मदद करने के लिए तैयार रहते थे। मैं अपने दिल मे कब तुम्हें यह स्थान दे बैठी, मुझे पता ही नहीं चला। 


मैंने कभी तुमसे अपने दिल की बात नहीं बताई क्योंकि मुझे लगता था कि मैं अधिकार की उम्मीद न कर बैठू।


आज मैं अपनी डायरी का एक और पन्ना तुम्हारे नाम करती हूँ इस उम्मीद में कभी न क़भी इस एक तरफा रिश्ते को नाम मिले।



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