विवाह प्यार और कुर्बानी (पहला भाग )
विवाह प्यार और कुर्बानी (पहला भाग )
ये आज सुबह के सपने की बात है। आज शनिवार सुबह ये सपना आया था।
पता नहीं एक लड़की है सिमरन ( काल्पनिक नाम )सिमरन मेरे सुसराल के पड़ोस में रहती है।
सिमरन बहुत ही सुंदर, बिल्कुल जैसे कोई अप्सरा हो, परी जैसी लगती है। मुझे तो उससे प्यार हुआ या नहीं ये मैं आज सौलह (16 ) साल बाद भी नहीं जानता। वो बहुत ही प्यारी और हँसमुख लड़की थी। वो बहुत ही तेज तरार्र लड़की भी थी। पता नहीं कि कब वो मुझसे प्यार करने लगी थी। मैं उससे अपनी शादी के सिर्फ दो दिन पहले मिला था। वो वहां पर मेरी पत्नी के साथ जो कि मुझसे मिलने आयी थी। सिमरन ने पीले रंग का सूट डाला था। मेरी अरेंज मैरिज थी नाकि लव स्टोरी।
सच तो ये है कि मुझे ये आज भी याद है कि सिमरन ने उस समय क्या पहना था पर ये नहीं कि मेरी पत्नी ने उस समय क्या पहना था। मैं सीधा-साधा लड़का हूं और मुझे घूमना फिरना बिल्कुल पसंद नहीं है। लेकिन मैं प्रत्येक दिन मंदिर खासकर मंगलवार और शनिवार जरूर जाता हूं और रविवार को मेरी शादी थी। शनिवार को मेरी पत्नी नीलम मुझसे मिलने आयी और वो भी शादी के एक दिन पहले और साथ में सिमरन भ
ी थी। मैं वैसे शाम को मंदिर जाता था पर उस दिन सुबह नौ बजे गया था और पता नहीं मेरी पत्नी और सिमरन को कैसे पता चला कि मैं मंदिर गया हूं और ये बात आज तक नहीं पता चली।
खैर हम मिले और मंदिर में गये और पूजा की और फिर बाहर आकर प्रसाद बांटा था। फिर हमारी शादी हुई और वरमाला के बाद हम सभी बैठे हुए थे और सिमरन खड़ी थी। तभी नीलम जी ने कहा कि सिमरन बैठ जाओ ना खड़ी क्यों हो और सिमरन ने कहा कि मैं आपकी जगह बैठना चाहती हूं जीजू के साथ तो मैनें भी कह दिया कि ये इस जन्म में तो असंभव है। सबने इसे मज़ाक ही समझा और तब कोई नहीं जानता था कि सिमरन के मन में क्या चल रहा है? फिर शादी के कुछ दिनों बाद मेरी सास की तबियत खराब हो गई और उन्हे लकवा मार गया।
हमने हमारा हनीमून भी कैंसल कर दिया और हर रोज हम दोनो मैं और नीलम जी शाम को अपनी सास और उनकी मां से मिलने जाने लगे। और तब वहां पर सिमरन भी आती थी। बहुत देर वो हमारे साथ रहती थी। जब हम रात को नौ या दस बजे घर जाते तो वो भी तभी अपने घर जाती थी। ये सब तीन महीने चलता रहा।
Part 2 coming soon