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Seeta B

Romance

2  

Seeta B

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विश्वास और प्यार

विश्वास और प्यार

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मोनिका आराम कर रही है, तभी फोन की घंटी बजती है। उसकी सहेली अंजु की तबियत बिगड़ गयी है, वो दिल्ली मे अकेले रहती है इसलिये मोनिका को घर बुला रही है। मोनिका तुरंत निकलती है। बारिश बहुत ज्यादा है पर मोनिका अंजु का सोच, अपनी गाड़ी ले कर निकल पड़ती है। वैसे तो एक घंटा लगता है उसे अंजु के घर जाने तक, पर अब बारिश इतनी ज्यादा है पता नहीं क्या होगा।

मोनिका महामार्ग से जा रही हैं अचानक उसकी गाड़ी खराब हो जाती है। रास्ते मे पानी है हर जगह। मोनिका परेशान, अंजु को फोन भी नहीं लग रहा हैं। मोनिका गाड़ी से निकल कर आस पास कोई मदद के लिये देखती है। उसे कोई दिखायी नहीं देता है। थोड़ी दुर कुछ रोशनी नजर आती है। मोनिका उस रोशनी की ओर बढ़ती है। एक छोटा सा ढाबा हैं पर वहां कोई नहीं है। मोनिका डर डर के अंदर जाने वाली ही थी कि उसे एक और रोशनी उसकी ओर आती दिखायी देती ह। एक कार वहां आकर रुकती है। मोनिका को थोड़ी राहत मिलती है।

क्यूंकि गाड़ी मे कोई तो होगा. उस गाड़ी मे से एक लड़का निकलता है। दिखने मे तो ठीक लग रहा था। उसे लगता हैं मोनिका यहीं से है। वो पूछता है 'कुछ खाने को मिल सकता है क्या?"

मोनिका उसे बताती हैं कि वो भी यहां मदद मांगने आयी थी पर यहा कोई नहीं है। मोनिका उसी से मदद मांगती है गाड़ी ठीक करने के लिये। पर वो बताता हैं कि बारिश अभी ज्यादा है तो थोड़ा इंतजार करते हैं, बारिशा थोड़ी कम हो जाये फिर ही कोशिश करनी चाहिये। मोनिका के पास कोई और रास्ता तो था नहीं वहीं रुकेदोनों। बाते करने लगे। वो लड़का राकेश, एक कंपनी मे काम करता हैं।थोड़ी देर बाद तो मोनिका को भी भूख लगने लगी। अबदोनों ढाभे के अंदर जाते हैंं। अंदर सब सामान रखा हुआ हैं। अब जल्दी मे क्या बनाये, सो मैगी बना कर दोनों खा लेते हैंं।

कुछ देर मे बारिश बंद हो जाती है।दोनों जाने लगते हैं, तब राकेश निकलने से पहले वहा कुछ पैसे छोड़ देता है और साथ मे मैगी का खाली पैकेट रख देता है।दोनों जाकर मोनिका की गाड़ी ठीक करते हैं।दोनों वहां से अपनी अपनी गाड़ी लेते हैं और अंजु के घर की ओर जाते हैंं। जब अंजु के घर पहुँच जाते हैं तब राकेश मोनिका के बोलने पर अंजु के घर के अंदर भी आता हैं। अंजु को बहुत तेज बुखार हैं। फिर राकेश दवाई भी ला कर देता हैं और कुछ देर मे वहां से निकल जाता है।

दुसरे दिन अंजु को थोड़ा ठीक लगता है। मोनिका उसे अपने साथ घर लेकर जाती है। मोनिका अंजु को रात वाला सारा वाक्या बताती है। अंजु मोनिका तो चिढ़ाती है।

कुछ दिन बित गये फिर जब अंजु और मोनिका एक होटेल मे खाना खा रहे थे मोनिका को राकेश दिखाई देता है। इस बिच मोनिका और राकेश के पास एक दूसरे का फोन नंबर होते हुए भी कभी एक दुसरे को फोन नहीं किया।

अंजु ने ही राकेश को आवाज़ दे कर बुलाया। राकेश मिलादोनों से, हालचाल पुछा और चला गया वहां से। मोनिका को राकेश से बात करके अच्छा लगा। उसे फिर एक बार वो रात याद आ जाती हैं। फिर कुछ दिन बित गये, मोनिका को बार बार लगता है कि राकेश को फोन करे, पर डर रही थी, डर डर के फोन कर ही देती हैं। राकेश ने अच्छे से बात की, मोनिका के बारे मे, अंजु के बारे मे पुछा।

अंजु को मोनिका का बदला रुप दिखाई दे रहा था, वो मोनिका को बोलने लगी एक बार फिर राकेश को फोन करके देख लो क्या बात करता है। मोनिका की हिम्मत नहीं हो रही थी।

अचानक एक दिन राकेश का फोन मोनिका को आता है पहले तो मोनिका राकेश का नाम अपने फोन पर देख कर ही खुश हो जाती है। फिर बात करती है। राकेश मोनिका को अपनी कंपनी मे ही काम देना चाहता है। मोनिका मिलने जाती है। फिरदोनों एक दो बार ऐसे ही मिलते हैं। मोनिका को उसके साथ काम करने की इच्छा तो हैं पर मना कर देती है।

मोनिका अपने पिता के साथ ही काम करती है। पर अब वो राकेश से मिलती रहती है। राकेश के घर वालो से भी मिल लेती है। राकेश उसे अपना अच्छा दोस्त मनता है।दोनों एक दुसरे से खुब बाते करने लगे है।

एक बारदोनों उसी रास्ते से जा रहे होते हैं, राकेश मोनिकादोनों एक दुसरे को देख मुस्कराते हैं।दोनों को वो रात याद आ जाती है ।दोनों फिर वहां, उसी ढाभे मे जाते हैं। उस ढाभे का मालिक बहुत अच्छा इंसान लग रहा था। सब को अच्छे से ध्यान दे रहा था।

जब येदोनों बिल देने गये तो मोनिका ने देखा वो पैसे पहले भगवान को अर्पन करता हैं फिर तिजोरी मे रखता है। मोनिका उससे पुछती है'क्या भगवान आपकी और आपके ढाभे की रक्षा करते हैं जो आप उन्हे इतना मानते हो। ढाभेवाला बड़े प्यार से जवाब देता है" ," भगवान मेरा पार्टनर हैं इस ढाभे के ।" अगर मैं ना भी रहूँ तो वो ध्यान रखते हैं। फिर वो बोलता हैं, कुछ दिन पहले बहुत बारिश थी, मेरे बेटे की तबियत अचानक खराब हो गयी थी। मुझे जल्दी जाना था मैं सब ऐसे ही छोड़ कर चला गया। भगवान के होने का विश्वास मुझे हमेशा होता हैं। उस रात किसी ने यहां पर आश्रय लिया था और शायद सिर्फ मैगी खाई पच्चास रुपये की पर पाँच सौ रुपये छोड़ कर गया। भगवान ही हैं जिसके होते हुए मैं इस ढाभे को इतनी अच्छी तरह से चला पा रहा हूँ।" मोनिका कुछ बोलने वाली थी पर राकेश ने उसे इशारा कर मना कर दिया।

मोनिका राकेश से पूछती है कि मुझे ढाभे मे कुछ बोलने क्यूँ नहीं दिया? राकेश बोलता है, सच तो था उसका विश्वास। हमे आसरा चाहिये था उस रात वो तो हमें मिला ही था। क्या उस ढाभे की जगह अगर कोई होटेल होता तो हमे पैसे नहीं देने पड़ते ? यहां तो फिर भी हमने सिर्फ पाँच सौ रुपये ही रखे थे। और अगर हम उसे बता देते कि वो हम ही थे, वो आज हमे बाकी पैसे लौटा देता। जिसे इतनी बात याद है और जो भगवान पर इतना भरोसा करता हो ऐसे इंसान कहां मिलते हैं आजकल। इसलिये कुछ बातों पर परदा ही रहे तो अच्छा है।"

मोनिका अब राकेश से प्यार करने लगी है पर बोल नहीं पा रही। अंजु को ये सब पता है। अंजु एक बार राकेश से बातो बातो मे बोल देती है कि तुमदोनों एक साथ अच्छे लगते हो आगे कुछ सोचते क्यूँ नहीं?

इसके बाद राकेश मोनिका से दूर रहने लगता है। मोनिका को कुछ समझ नहीं आता राकेश ऐसा क्यूँ कर रहे हैं। वो बात करने की कोशिश करती है पर बात नहीं हो पाती। मोनिका राकेश के घर जाकर उनसे मिलने का सोचती है।

तब मोनिका को उसके घरवालो से पता चलता है कि राकेश को कैन्सर है जिसका इलाज चल रहा है। पर कैन्सर का कुछ बोल नहीं सकते इसलिये वो तुमसे बात नहीं करना चाहता। तुम भी उसे पसंद हो इसलिये ही वो तुम्हें अपने साथ काम करने के लिये कह रहा था। उसने हमे बताया था, पर तब वो ये नहीं जानता था कि तुम भी उसे पसंद करती हो। उसे लगा तुम उसे एक अच्छा दोस्त मानती हो। वो तुम्हे चाहता हैं पर आगे नहीं बढ़ सकता था इसलिये तुम्हारे साथ कुछ वक़्त मिल जायेगा काम के बहाने ये सोच कर तुमसे साथ काम करने का बोल दिया। पर अब वो जानता है सब मोनिका राकेश से अकेले मे मिल कर कुछ बाते करती है। उसे बहुत मनाती है और यक़ीन दिलाती है कि वो दोनों एक साथ रह कर भी इस कैन्सर का इलाज जारी रख सकते है। पर राकेश को अब भी अपनी किसमत पर यक़ी नहीं है। वो मोनिका को बोलता है हम एक साल बाद शादी करेंगे। ।राकेश को लगता है शायद उसके पास इतना समय भी ना हो। इस तरह मोनिका को भी सोचने का वक़्त मिल जायेगा राकेश का कैन्सर का इलाज सात आठ महीने में ही हो जाता है। राकेश की सब रिपोर्ट ठीक आती है घर के सब लोग खुश होते है। मोनिका हि उसका हमेशा ध्यान रखती, समय पर हॉस्पिटल ले जाना, समय पर दवाई देना। मोनिका को राकेश का ख्याल रखना बहुत अच्छा लगता।

अब सब ठीक था और राकेश ने जो एक साल का वक़्त लिया था वो भी पुरा हो गया। अब राकेश के पास कोई बहाना नहीं था और उसे खुद अब मोनिका के साथ रहना था।बस फिर क्या हो गयी दोनों की शादी।दोनों खुशी खुशी रहने लगे साथ। 


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