प्यार, सिर्फ खोना या पाना नही है
प्यार, सिर्फ खोना या पाना नही है
एक भोली-भाली दिवानी सी लडकी, अपनी ही दुनिया में मस्त रहने वाली लडकी, अद्वीका। अपने नाम ही की तरह, सबसे अलग पर सबके बारे मे सम्वेदनशील, सबके बारे में सोचने वाली। उसके इसी स्वभाव के कारण वो कॉलेज के बाद जब जॉब करने लगी तो सबको उसके साथ काम करने मे अच्छा लगता। वो ऑफ़िस के पोलिटिक्स से अनजान अपने काम से काम रखती।
अद्वीका को बच्चों के साथ अच्छा लगता था, इसलिये वो गरिब बच्चों के लिये काम कर रहे एक ग्रुप के साथ काम करने लगी। छुट्टी के दिन वो उसी ग्रुप के साथ रहती और कुछ ना कुछ बच्चों के लिये करते।
अद्वीका जितनी स्वभाव से सम्वेदनशील, उतनी ही दिखने मे सुंदर भी। इतनी सी उम्र में उसने काफी उतार चढ़ाव देख लिये है जीवन में। इन्ही सबके चलते अद्वीका बहुत समझदार भी है और अपनी जिम्मेदारियां भी खुब अच्छे से निभाना जानती है।
इसी ग्रुप में है कमल। कमल का स्वभाव भी अद्वीका के जैसा ही है, दूसरो का ध्यान रखना और बच्चों के साथ तो वो भी बच्चा ही बन जाता। ग्रुप में काम तो सभी अच्छा करते पर हरएक की वजह अलग थी। कुछ तो बस जैसे वक़्त काटने के लिये ये सब कर रहे थे तो किसी ने अपने किसी प्रोजेक्ट में मदत को लेकर ये राह चुनी।
पुरा ग्रुप ही साथ में काम करते हुए वक़्त बिताता पर अद्वीका को कमल से बात करके अच्छा लगने लगा था।
अद्वीका अब कमल से फोन पर भी बात करने लगी, दोनों में अच्छी दोस्ती हो गयी। दोनो एक दूसरे से काफी बाते शेयर करने लगे। वैसे कमल ग्रुप में सभी से अच्छे से ही बात करता है हमेशा।
अद्वीका ने कमल को एक बार बताया की मुझे तुमसे बात करना अच्छा लगता है अपनी हर परेशानी तुमसे आसानी से बांट सकती हूँ मैं। कमल ने उससे कहा तो दोस्त होते ही है दुख सुख बांटने के लिये।
कुछ ही दिनों मे वलेंटाइन डे आनेवाला है। अद्वीका सोचती है कमल को कुछ गिफ्ट दे। पर कैसे, समझ नही आता। कमल किसी बैंक मे काम करता है पर ना उसकी पोस्ट मालुम है ना उस बैंक का ठीक से पता।
भगवान भी राह दिखा ही देता है, जब आप दिल से तमन्ना करते हो। अद्वीका को उसकी एक पुरानी दोस्त मिलती है, उसके साथ उसकी एक पड़ोसन है जो उसी बैंक में काम करती है। अद्वीका उसकी मदत से, कमल जिस ब्रांच मे काम करता है उसका पता निकालती है। अब अद्वीका कमल के लिए गिफ्ट लेने जाती है, कमल को चॉकलेट पसंद है, उसे फॉर्मल वेअर पसंद है, इसलिये अद्वीका कमल के लिये खुब सारे इम्पोर्टेड चॉकलेट, फ्लावर्स और टाय लेकर अच्छे से पैक कर कमल के बैंक मे कुरियर कर देती है। पर कमल को कुछ नही बताती।
अब कमल कुछ समय तक ग्रुप में नही आता है और एक बार ग्रुप में एक फ्रेंड बताती है कि कमल की सगाई हो गयी है और शायद उसकी माँ की भी तबीयत खराब है, इसलिये वो ग्रुप को वक़्त नही दे पा रहा।
धीरे धीरे अद्वीका भी ग्रुप छोड देती है और किसी और ग्रुप के साथ काम करने लगती है। कुछ महिने हो गये, पर अद्वीका कमल से कुछ बात नही कर रही है ना ही कमल कोई बात करता है।
गिफ्ट कमल को मिला या नही अद्वीका को कुछ पता नही। फिर अद्वीका को एक मैसेज मिलता है कमल का, जो है उसकी शादी का इनविटेशन। अद्वीका उसे मैसेज भेज बधाई देती है और लिखती है जरुर आयेगी। वैसे तो अब वो इस ग्रुप मे भी किसी से बात नही कर रही है पर फिर उनमे से एक लडकी का फोन आता है कि मैं कमल की शादी में जा रही हूँ, तुम आ रही हो क्या साथ?
अद्वीका, वाकई में अद्वितीय है, वो कमल की शादी मे जाने का फैसला करती है। वो खुश है कमल के लिये, वो एक वॉच का सेट कमल और उसकी पत्नी को तौफें में दे आती है और फिर कभी कमल से कोई बात नही करती, ना ही ग्रुप में किसी से।
कुछ साल बित गये। अद्वीका की भी शादी हो गयी वो अपने जीवन में व्यस्त है। अद्वीका को अब अपने कुछ दोस्तो से पता चला कि किस गिफ्ट का क्या मतलब होता है। वो मन ही मन हसती है सुन कर कि चॉकलेट याने तुम बहोत स्वीट हो। टाय याने तुम मेरे हो और वॉच वो भी गोल्डन याने आप अपना गोल्डन वक़्त उसे दे रहे हो।
अद्वीका अपने किसी काम से बैंक जाती है और वहाँ उसकी मुलाकात कमल से होती है। कमल नौकरी करता था सो अब दुसरी बैंक में है। अद्वीका और कमल की खुब बातें होती है। अब कभी कभी वो एक दुसरे को फोन कर देते।
अद्वीका काम से फिर एक बार कमल की बैंक जाती है, काम खत्म कर निकलने वाली ही थी तो कमल उससे कहता है 'मैं भी अभी निकल रहा हूँ तो तुम्हे कहीं ड्रॉप कर दूँ?' अद्वीका उसके साथ निकलती है, दोनो की बहोत बाते होती है। अब फिर वलेंटाइन डे आनेवाला है, विषय निकलता है तो अद्वीका कमल से पुछ लेती है 'मैने तन्हे एक गिफ्ट भेजा था वलेंटाइन पर, क्या वो तुम्हे मिला था?'
कमल मुसकराते हुए बोला 'हाँ, मेरे लिये सरप्राइज तो था ही पर ऑफ़िस मे सबके लिये भी !' और फिर बोला 'मेरी माँ ने मेरे लिये लडकी पहले ही पसंद कर ली थी और जल्द ही बाकी बाते भी तय होने वाली थी सो मैने ग्रुप में बोल दिया कि मेरी सगाई हो गयी है।
वैसे भी मुझे थोडा अजीब भी लगा था कि तुम इतनी सुंदर और मैं? पर क्या मैने कभी तुमसे कुछ ऐसा कहा था कि मैं तुम्हे पसंद करता हूँ?'
अद्वीका - "तुमने कभी कोई ऐसी बात नही की थी"
कमल - "तो"
अद्वीका - "मेरे लिये रुप रंग मायने नही रखता इंसान को पसंद करने के लिए बस अच्छा दिल ही काफी है जो तुमहारे पास है"
कमल - "मैं डर गया था जब तुम्हारा मैसेज आया था कि तुम शादी में जरुर आओगी। इसलिये तुम्हे ग्रुप से फोन आया कि साथ चल रही हो क्या? पर मुझे बाद मे पता चला कि तुम बिना खाना खाए निकल गयी, सिर्फ मुझसे मिलने तक थी वहाँ।"
अद्वीका- "मेरे लिये प्यार किसी को पाना या खोना नही है। और ना ही तुमसे प्यार कर तुमसे ये उम्मीद की थी कि तुम भी मुझे पसंद करो। किसी से प्यार करना मतलब उसे अपने मे शामिल करना। उसे हमेशा खुश देखना। फिर चाहे वो आपके साथ हो या ना हो। वैसे तो मैं किसी का बुरा नही चाहती कभी, पर दुआओं में हर कोई शामिल नही होता। बस यही फर्क रह जाता है।
तुम्हे परेशान करने का मेरा कोई इरादा नही था। मुझे तुम अच्छे लगते तो मैने वो सब किया, पर जब तुम ग्रुप में नही आ रहे थे तो मैने आना छोड दिया ताकी तुम अपना ग्रुप ना छोडो। तुम्हे इतना तो पता था ही कि मैं तुम्हे पसंद करती हूँ, मेरे लिये उतना ही जरुरी था। इसलिये उसके बाद मैने कोई कोशिश नही की क्युकि तुमने कभी संपर्क नही किया। सॉरी अगर मैने तुम्हे कभी कोई तकलिफ दि हो तो। मैं कभी नही चाहती कि मेरी वजह से तुम्हे कोई भी परेशानी हो। तुम्हें खुश देखना चाहती थी सो तुम्हारी शादी में भी आयी। मुझे ऑफ़िस में कोई मीटिंग थी इसलिये जल्दी चली गयी थी, मेरा आना मेरे लिये जरुरी था, खाना खाना नही।"
दोनो में यही बाते होती रही और वक़्त आ गया जहाँ अद्वीका तो जाना था। कमल उसे बाय कर चला जाता है।
कुछ दिन बाद कमल का मैसेज आता है, उसके बेटे के बर्थडे पार्टी का इनविटेशन। फिर तो दोनो फैमिली जैसे आपसे में फ्रेंडली हो गये और कभी कभी साथ घूमने भी जाते।

