प्यार एक एहसास
प्यार एक एहसास
जैसे हम सब जानते हैं प्यार शब्दों में बयान नहीं होता क्योंकि प्यार एक एहसास है। प्यार बस होता है, किससे होता है? कैसे होता है? क्यों होता है? जो भी है, बस होता है। प्यार, उसके लिए चाहिए, एक प्यार भरा दिल और वह भी सच्चा शुद्ध प्यार। जिसे परखने का कोई मापदंड नहीं है, सो हर कोई यही समझता है उसका प्यार और उसके दिल में जो है, वही है प्यार।
प्यार, जिसके दिल में प्यार होगा वह सब से प्यार ही करेगा, चाहे अपना हो या पराया, सबसे। चाहे अमीर हो या गरीब, चाहे सुंदर हो या कुरूप सबसे प्यार ही होगा। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है, जो सिर्फ अपनों से प्यार करता है परायो से नहीं, उसका प्यार प्यार नहीं है। हां अगर जो वह अपनों के लिए परायो को चोट पहुंचाता है, तो वह प्यार नहीं है। क्योंकि प्यार है, अगर कोई अपना है तो, पर प्यार तो है।
प्यार जब होता है दिल में, तो हो सकता है आप सबका भला ना कर पाए, पर आप से किसी का बुरा कभी नहीं होगा। हमारे दिल में जब प्यार ही प्यार होता है तो हमें यह भी अच्छे से समझ आता है कि हमारा अच्छा व्यवहार किसे अच्छा लग रहा है और किसे नहीं। ऐसे हालात में हम सबसे प्यार ही करते हैं। तो जिन्हे हमारे प्यार से तकलीफ हो रही है हमें समझना ही नहीं चाहते, ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखना ही उचित होता है।
प्यार का जवाब प्यार से ना मिले तो चलता है, कोई नफरत करें फिर भी ठीक है, पर प्यार को खत्म करना चाहे तो फिर हमे अपने विवेक से समझ कर ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखना ही बेहतर होगा।
संग का रंग होता तो है, कम ज्यादा ही सही, पर होता है। आप प्यार देना चाहते हैं पर कोई उसका जवाब नफरत से दे रहा है, तो दोनों को भी तकलीफ होने वाली है। उसे अपनी नफरत से ही प्यार है, तो वो रंग आपको भी लग सकता है। और आपके प्यार भरे दिल में भी नफरत के छींटे जरूर पड़ने वाले हैं। सो अपनी समझदारी पर विश्वास करें। अगर आपके प्यार का रंग उन पर लग रहा है तो अपने जीवन काल में उन्हें कभी मत छोड़ना, हमेशा उनका साथ देना। पर जो उनका रंग आप पर लगना शुरू हो रहा है, तो संभल जाओ।
इस दुनिया में ऐसे कई लोग है जो अपनी नफरत को प्यार का, बेचारगी का, मजबूरी का मुखौटा लगाकर आपको छलने का प्रयास करते हैं। जो सिर्फ प्यार करना जानते हैं, उन्हें ऐसे लोगों को समझने में थोड़ा वक्त लगता है। पर नफरत भी झूठ की तरह ही होती है, देर सवेर सामने आ ही जाती है। प्यार देने वाला जिसके पास सबके लिए प्यार ही प्यार है, मानो एक दरिया दिल इंसान जिसके पास बेशुमार दौलत है। उसके दर से कभी कोई खाली हाथ नहीं जाता। प्यार वह दौलत है जो कभी खत्म नहीं होती हर किसी में बांट सकते हैं, फिर भी उसका भंडार आप में हमेशा रहेगा। इसलिए तो वह हर अपने और पराए से प्यार कर पाता है। वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जिनके पास बेशुमार दौलत तो है पर वह अपने घर के लोगों की जरूरतें भी जैसे तैसे पूरी करते हैं। किसी जान पहचान वाले या किसी सगे संबंधी ने मदद मांगी तो बहाने बनाएंगे। अगर हमें जरूरत होती है तो हम उसी से मांगते हैं जिससे हमें लगता है वह हमारी मदद करेंगे और ऐसे वक्त ही पता चलता है किसका दिल कितना बड़ा है। मदत सिर्फ पैसों से नहीं होती, किसी का प्यार भरा दिल दिख जाता है हर रुप में। कभी-कभी जब आप कुछ बात करना चाहते हैं और सामने वाला सुन ले, आपके लिए यही काफी होता है। ना आपकी कोई मदद करें, ना कोई सांत्वना दे बस सुन ले। आपको अगर कोई सुनने को तैयार ही नहीं है, वैसे हम यह अपेक्षा किसी राह चलते से तो करने वाले नहीं है कि वह हमारी बात सुने, हम उसे जानते हैं तभी तो चाहेंगे ना! पर अगर सुनना ही नही चाहते, तो समझना हमें होगा। अगर सुनने तक से नकारता है, तो वहां नफरत है दिल में।
दिल में या तो प्यार होगा, तो प्यार ही मिलेगा सबको। पर अगर कुछ नहीं है तो उम्मिद है, प्यार भर जाए उस दिल में। पर जो अगर नफरत है, तो फिर थोड़ी नहीं, बहुत बड़ी मुश्किल है क्योंकि, जिसने नफरत को अपने दिल में जगह दी है वहां से पहले नफरत निकालना और फिर प्यार भरना। आप थोड़ा प्यार भरने की कोशिश करेंगे वह नफरत बढ़ा देंगे। आपका प्यार भी नफरत ही लगेगा। जब तक वह खुद ना चाहे उस नफरत को कोई नहीं मिटा सकता उनके दिल से।
प्यार की एक और पहचान है प्यार करने वाला और प्यार पाने वाला दोनों के व्यक्तित्व में निखार आता है प्यार होने से। जिस प्यार से हम बेहतरी की ओर जा रहे हैं, उन रिश्तो पर हम आँख बंद कर विश्वास कर सकते हैं। पर हमारी बेहतरी किसमें है, यह समझ आना भी जरूरी है। अपना विवेक हमें खुद जगाना होगा। उस विवेक से ही, ना सिर्फ हम अपने दिल में छुपे प्यार को समझ पाएंगे अपितु दूसरों के दिल में छुपे प्यार को भी देख पाएंगे। इसलिए तो कहते हैं किसी से प्यार करने से पहले खुद से प्यार करना जरूरी है।
खुद से प्यार, बहोत जरुरी है। इसे जानना और समझना तो, किसी और से प्यार करने और समझने से भी ज्यादा कठिन है इसलिये हम इस पर फिर कभी चर्चा करेंगे। सो प्यार वह प्यार है, जो हर एक को प्यार दे।
