यह अनैतिक व गैरकानूनी है यह अनैतिक व गैरकानूनी है
विवेक के नेकदिल पर उसकी आँखों से पश्चाताप के आँशुओ की धारा झरने के रूप मेंं बह रही थी। विवेक के नेकदिल पर उसकी आँखों से पश्चाताप के आँशुओ की धारा झरने के रूप मेंं बह र...
आने वाले समय में मनुष्य जितना नीरस कोई नहीं होगा। आने वाले समय में मनुष्य जितना नीरस कोई नहीं होगा।
आजकल हर प्रेम आखिर शरीर तक ही क्यों आ जाता हैं आजकल हर प्रेम आखिर शरीर तक ही क्यों आ जाता हैं
अब तेरे लिए यही तो बचा है। एक तो हमारी इज़्ज़त खराब कर दी, उलटा ज़बान लड़ा रही हो अब तेरे लिए यही तो बचा है। एक तो हमारी इज़्ज़त खराब कर दी, उलटा ज़बान लड़ा रही ह...
उनके चेहरे की चमक और विद्वता से प्रभावित होकर सुरेश उनके पीछे हो लिया उनके चेहरे की चमक और विद्वता से प्रभावित होकर सुरेश उनके पीछे हो लिया