मिटा दे बरसो की प्यास, रस दे मुझ नीरस को। मिटा दे बरसो की प्यास, रस दे मुझ नीरस को।
आने वाले समय में मनुष्य जितना नीरस कोई नहीं होगा। आने वाले समय में मनुष्य जितना नीरस कोई नहीं होगा।
वह सभी बच्चों को आशीर्वाद देते हुए आशीर्वाद और शुभकामनाएं देते हुए कक्षा से निकल गए। वह सभी बच्चों को आशीर्वाद देते हुए आशीर्वाद और शुभकामनाएं देते हुए कक्षा से निकल...
आप अपने जैसे ही लोगो से मिलते हो और आप सामने वाले कि तारीफ भी करते हो आप अपने जैसे ही लोगो से मिलते हो और आप सामने वाले कि तारीफ भी करते हो