STORYMIRROR

Vimla Jain

Action Inspirational

3  

Vimla Jain

Action Inspirational

विलंब

विलंब

4 mins
253

विलंब मतलब कोई भी काम नियत समय पर ना कर उसमें देर करना

जैसे सरकारी कामकाज में होता है कोई भी काम नियत समय पर नहीं होते हैं।

आज जाओ तो कल की तारीख कल जाओ तो परसों की तारीख ऐसा ही चलता रहता है। तारीख पर तारीख।


15 मिनट का काम 15 दिन में पूरा होता है। और अपनी तरफ से अगर विलंब हो जाए तो आपके काम के ऊपर क्रॉस लग जाता है। आपने देर कर दी। देर से कैसे आए। 

हर इंसान को अपना काम समय से निपटाना चाहिए। समय की पाबंदी जिंदगी के लिए बहुत जरूरी है। मगर कभी नियत समय से थोड़ी देर भी हो जाए तो चिंता नहीं। क्योंकि हो सकता है उसमें कुछ अच्छा ही छिपा हो। वह कहते हैं ना भगवान अगर हमारे हाथ से कुछ चीज लेते हैं तो

हमारे हाथ कोई अच्छी चीज देने के लिए खाली करते हैं। ताकि हम को और अच्छा मिले ।

एक कहानी शेयर करना चाहूंगी जो एकदम सच्ची है।


वे बी कॉम में कम नंबर आने के कारण और उनके पिता के पास ज्यादा पैसा ना होने के कारण ज्वेलरी बिज़नेस सीखने के लिए किसी सेठ के वहां चले गए। दो-चार दिन तो समय से गए होंगे। मगर उनका मन आगे पढ़ने का था, तो उस काम में मन भी नहीं लग रहा था।

मगर कुछ रास्ता ना देख वही चालू रखा। थोड़े दिन गए एक दिन जाने में 1 घंटे का लेट हो गया। तो वहां जाकर अंदर तो गए ही नहीं बाहर से ही पता लगा की इनकम टैक्स की रेड पड़ गई है। क्योंकि वह एक घंटा लेट गए थे इसलिए वह बाहर ही रह गए । जो अंदर गए उनको वापस दो-तीन दिन निकलने नहीं दिया गया। वे वहां से वापस घर की ओर थोड़ा निराश अवस्था में आ रहे थे, कि रास्ते में उनको एक उनके मित्र मिले ।

उन्होंने बोला तू कहां जा रहा है। रुके साइकिल से उतरे दोनों बात करने लगे, तो उन्होंने बोला मेरे पापा के पास सीए की एंट्रेंस के लिए देने के लिए पैसे नहीं है तो अब मैं पढ़ाई नहीं कर के आगे ज्वेलरी बिज़नेस सीख रहा था। आज उसमें भी रेड पड़ गई है वह भी बंद हो गया। पता नहीं मेरी किस्मत में क्या लिखा है। यह तो अच्छा हुआ मैं लेट गया इसलिए मैं बाहर हूं। नहीं तो मुझे भी अंदर ही रहना पड़ता। तो उनके दोस्त ने बोला अरे तू चिंता क्यों करता है ,चल मैं तेरे को लेकर चलता हूं। किसी से मिलाता हूं, और वे उनको अपने बॉस के पास लेकर गए ।

जो सीए का ऑफिस चला रहे थे उन से मिलवाया। तो वह उनसे मिलकर काफी खुश हुए। बॉस ने पूछा तुम आगे पढ़ना चाहते थे तो क्यों नहीं पढ़ रहे हो। तो उन्होंने बोला ना मेरे पापा के पास ₹3000 देने को है और ना मैं सीए कर सकता हूं। क्योंकि पैसे नहीं तो फिर एडमिशन नहीं ।

बॉस ने पूछा कि तुम किनके लड़के हो। तुम्हारे पिता का नाम क्या है।

उन्होंने अपने पिता का नाम बताया तो बॉस को एकदम खुश हो गए। बोले रे तुम उनके लड़के हो और उन्होंने मुझको बोला नहीं कि मेरा लड़का सीए करना चाहता है। ऐसा करो तुम तो आज से ही ज्वाइन कर लो। तुम्हारे पिताजी से मैं बात कर लूंगा।

वह तो इतने अच्छे इंसान हैं, ईमानदार और समाज के बहुत इज्जतदार इंसान हैं। तुम्हारे को रखकर हमको अच्छा लगेगा।

तुम पढ़ लिख जाओगे तो मुझे बहुत खुशी हो मिलेगी और मुझे लगेगा कि मैंने एक होशियार और काबिल बच्चे को सही लाइन पकड़ाई है। तो वह बोले मेरे पिताजी अपनी जिंदगी में बहुत ही उसूलों से चलते हैं। उन्होंने कभी दो नंबर का कोई काम नहीं करा। और और किसी से बच्चों की सिफारिश नहीं करते। आप मेरे को यह मौका दे रहे हैं आपका बहुत-बहुत आभार।  मैं घर जाकर उनसे बात करके आता हूं फिर आपको बताऊंगा।

बॉस बोले इसकी जरूरत नहीं है तुम आज से काम करो। शाम को जाकर अपने पिताजी को बता देना कि मैंने तुमको सीए के लिए साइन कर लिया है। और कल तुमको कलकता जाना है। तो वे बोले मेरे पास तो बाहर जाने के लिए कपड़े भी नहीं और पैसे भी नहीं है ।

उन्होंने अपने वहां से उनको एडवांस में कुछ रुपए दिए। तुम कपड़े भी खरीद लो, और कल से सीए की प्रैक्टिस के लिए ऑडिटिंग के लिए तुम को बाहर जाना है। इस तरह 1 घंटे की देर उनका भविष्य सुधर गया वह दोनों पार्ट फर्स्ट अटेम्प्ट में क्लियर करके बहुत अच्छे चार्टर्ड अकाउंटेंट बने। बहुत कंपनियों में सीईओ रहे। बहुत ही इज्जत और सुकून की जिंदगी जी रहे हैं।


यहां यह कहावत सार्थक होती हैःः

कि ईश्वर अगर हमारे हाथ से कुछ ले रहा है। तो हमारा हाथ कुछ अच्छा लेने के लिए खाली कर रहा है।

ताकि आगे कुछ अच्छा मिले।

इसीलिए अगर कभी ऐसी परिस्थिति आ जाए कि हमारी परीक्षा में लेट हो या कुछ तो घबराना नहीं चाहिए विकल्प कुछ ना कुछ ढूंढ लेना चाहिए।

ईश्वरीय संकेत भी होता है।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Action