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Shubhra Ojha

Drama Inspirational Romance

5.0  

Shubhra Ojha

Drama Inspirational Romance

वेलेंटाइन डे

वेलेंटाइन डे

2 mins
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बेटी का उदास चेहरा देखकर मैंने उसकी पसन्द की अदरक वाली चाय बनाई फिर बिटिया के पास बैठते हुए मैंने उससे पूछा-

"क्या बात हैं, सुबह से देख रही हूंँ तुम्हारा मूड कुछ ठीक नहीं।"

चाय का कप अपने हाथ में लेते हुए बिटिया ने कहा- "मम्मी, आज वेलेंटाइन डे हैं और कार्तिक का सुबह से एक फ़ोन तक नहीं आया। अभी से यह हाल है तो शादी के बाद क्या करेंगे।"

फिर चाय पीते हुए उसने आगे कहा- "रोमांस नाम की कोई चीज कार्तिक के जीवन में है भी या नहीं।"

बिटिया के हाथों को सहलाते हुए मैंने कहा- "अरे, इतनी छोटी सी बात पर मन उदास नहीं करते लाडो, हो सकता हैं कार्तिक अपने कामों में बिज़ी रहा हो, जिससे फ़ोन करना ध्यान से उतर गया हो।"

"मम्मी, आज के समय में यह छोटी सी बात नहीं हैं, लोग ना जाने क्या-क्या करते हैं अपने वेलेंटाइन के लिए, और एक मेरी किस्मत है।"

मैंने उसको घूरते हुए कहा- "अब इसमें किस्मत की बात कहाँ से आ गई।"

तब बात को आगे बढ़ाते हुए बिटिया बोली- "किस्मत से ही तो लोग मिलते हैं। मम्मी, आपको मेरी सहेली रिया याद हैं जब उसकी शादी तय हुई थी तो उसके होने वाले पति ने वैलेंटाइन डे पर उसको ढेर सारे गुलाब के साथ गिफ्ट भी दिया था। शादी के बाद भी रिया अपने पति के साथ हर महीने अपनी शादी की मंथली एनिवर्सरी सेलिब्रेट करती थी और उसकी फ़ोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करती थी।"

बिटिया को प्यार से समझाते हुए मैंने कहा- "लाडो, पहली बात, सोशल मीडिया पर किसी की फ़ोटो देखकर अपने रिश्तों में तुलना करना बहुत गलत बात हैं क्योंकि हमारी दुनिया वास्तविक हैं और सोशल मीडिया आभासी। दूसरी बात, प्यार का रिश्ता आपसी विश्वास और सहयोग से फलता फूलता है न कि तोहफों पर। कोई भी गिफ्ट प्यार जताने का तरीका हो सकता हैं लेकिन प्यार मापने का मापदंड नहीं हो सकता।

हो सकता हैं कि कार्तिक तुम्हे हर महीने गुलाब का फूल ना दे लेकिन वो अपने हाथों से तुम्हारे लिए अदरक वाली चाय बना दे। यह भी हो सकता हैं कि कार्तिक तुम्हें महीने वाली शादी की सालगिरह ना विश करे, लेकिन हर महीने तुम्हारी पसंद की कोई मूवी ही दिखा दे तो इसका मतलब यह नहीं हुआ कि वो तुम्हें प्यार नहीं करता। हर किसी का प्यार जताने का अपना अलग अंदाज़ होता है। समझी मेरी लाडो।"

मैंने देखा वो बहुत ध्यान से मेरी बातों को सुन रही थी कि तभी दरवाज़े से किसी के आने की आहट हुई, तो हमने देखा, कार्तिक अपने हाथों में ढेर सारे गुलाब लिए खड़ा था।।


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