मां

मां

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शिखा- पत्नी

रोहित-पति

स्थान - अमेरिका


गुनगुनाते हुए चाय पीने का दृश्य- थोड़ी देर बाद खुद से बोलना - आज की सुबह कुछ ज्यादा ही प्यारी लग रही या आज मै ही कुछ ज्यादा खुश हूँ। वजह कोई भी हो, मुझे तो इस हालत में हमेशा खुश रहना चाहिए, माँ कहती है खुश रहो तो बच्चा भी हँसमुख होता है...अचानक घड़ी की तरफ ध्यान जाता है... ओह...नो...8 ओ क्लॉक...9 बजे डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट्स है।

पहले में रोहित को जगाती हूँ...

रोहित...रोहित....मैं रेडी होने जा रही, आज मेरी अपॉइंटमेंट्स है, तुम्हें याद भी है ?

रोहित की आवाज - अरे मैं कैसे भूल सकता हूँ।

आज ही तो पता चलेगा की मेरे घर मेरा बेटा आ रहा या बेटी।

शिखा की आवाज- कोई जरूरी है क्या जेंडर पता करना, क्या फर्क पड़ता है लड़का हो या लड़की।

रोहित- कार सीट, बेबी क्लॉथ्स और टॉयज, ये सब लेना है मुझे...अब तुम ही बताओ किस कलर का लूं, ब्लू या पिंक।

शिखा- अच्छा बाबा अब चलो भी।

हॉस्पिटल का बोर्ड शिखा अंदर चली जाती है

रोहित इंतज़ार के दृश्य में...थोड़ी देर बाद शिखा आती है, शिखा को देखते ही रोहित चिल्ला उठता है....मेरा बेटा आ रहा ना...बेटा ही है ना...??

शिखा- बेटी

रोहित - क्या कहा "लड़की"

शिखा-मैंने कहा "बेटी"

रोहित खीजते हुए- बेटी लड़की ही होती है

शिखा(थोडा जोर से)- बेटी सिर्फ बेटी ही होती है समझे।

रोहित- मुझे नहीं चाहिए लड़की...तुम्हें अबॉर्शन कराना होगा।

शिखा- क्या कहा...जरा फिर से कहना..अबॉर्शन...इसका मतलब भी पता है तुम्हें , अगर पता होता तो ये शब्द निकलता ही नहीं तुम्हारे मुँह से, ये तुम्हारा बाजार नहीं है की जो तुम्हें पसंद आया ले लिया जो नहीं पसंद आया वो नहीं चाहिए।

रोहित- तुम्हें ये करना ही होगा।


शिखा- एक नन्ही सी जान को इस दुनिया में आने से पहले ही मार दूँ......नहीं ये नहीं कर सकती मैं..... बिलकुल नहीं....मै एक माँ हूँ सिर्फ माँ....माँ सिर्फ जन्म देती है, माँ किसी की जान नहीं लेती और अपने बच्चों का तो बिलकुल नहीं। मुझे पता है ये तुम नहीं कह सकते क्योंकि मैंने तुम्हारे आँखों में पापा बनने की ख़ुशी देखी है तुम्हें किसने समझा दिया बेटे बेटी में फर्क, अपने आँखों से बेटे का पर्दा हटा के देखो अपनी प्यारी सी परी दिखेगी तुम्हें ...

रोहित- लड़की है ये....तुम्ही बताओ मेरा वंश आगे कैसे बढेगा ?? शिखा आश्चर्य से....क्या कहा तुमने ...बेटे से तुम्हारा वंश आगे बढ़ेगा ?? एक कटाक्ष मुस्कान के साथ...एक अकेले बेटे से किसी का वंश आगे नहीं बढ़ता बल्कि वंश आगे बढ़ाने के लिए भी किसी की बेटी की आवश्यकता होती है

रोहित- बेटी तो पराया धन होती है।आज एक घर तो कल दूसरे के घर चली जाती है, शिखा तुम बात को समझो

शिखा- क्या कहा बेटी पराया धन होती है

समझाते हुए...बेटी तो वो धन होती है की जिसके पास होता है वो आजीवन खुश ही होता है।

जन्म के वक्त माँ को एक जैसा ही दर्द होता है चाहे बेटा पैदा हो या बेटी, फिर ये बेटे बेटी में भेद क्यों ??

एक बेटी को माँ पाल पोस के इसलिए बड़ा नहीं करती की वो अपनी बेटी को ही जान से मार दे वो भी जन्म से पहले।

तुम्हें एक बात तो पता ही होगी की मेरे माँ को उसके ही घर से मेरे पापा और दादी ने निकाल दिया था,लेकिन तुम्हें आज मै बताती हूँ कि मेरी माँ ने खुद ही घर छोड़ दिया था, क्योंकि उसके साथ जबजस्ती बच्चा गिराने की कोशिश की गयी थी तब मेरी माँ ने अपनी और मेरी जान बचाने के लिए मेरे बाप का घर छोड़ दिया...एक लंबी साँस के साथ....और अब देखो इतिहास अपने आप को दोहरा रहा आज मैं वही खड़ी हूं, जहां आज से 28 साल पहले मेरी माँ खड़ी थी। गर्व से-- तो मैं वो लड़की हूँ जिसे दुनिया से लड़ के मेरी माँ ने मुझे जिंदगी दी, तो तुमने ये कैसे सोच लिया की मैं अपनी बच्ची को अपने ही कोख में मार दूंगी, नहीं ये मै कभी नहीं कर सकती, मैं ये घर छोड़ सकती हूँ, तुम्हें भी छोड़ सकती हूँ लेकिन अपनी बेटी को नहीं छोड़ सकती, अपने से अलग नहीं कर सकती। कतई नही, अब तुम सोच लो तुम्हें मेरा साथ देना है या उस खोखली दुनिया का जो तुम्हारा साथ कभी नहीं देगी, अगर तुम्हारा साथ कोई देगा तो वही तुम्हारी बेटी जिसे तुम इस दुनिया में लाना नहीं चाहते।

अपने पेट पर हाथ रखते हुए....बिल्कुल डरना नहीं मेरी बहादुर बच्ची तुम्हारी माँ हर कदम पर तुम्हारे साथ खड़ी रहेगी, चलो बेटा चलते है यहाँ से दूर, कही बहुत दूर जहाँ बेटियो को भी शान से जीने का हक़ हो, और उससे भी पहले शान से जन्म लेने का हक़ हो, जहाँ बेटियों के जन्म पर भी मिठाईया बांटी जाये, जहाँ बेटी के नाम से ही गर्व से सिर उठ जाये....चलो बेटा चलते है......जाने को मुड़ती है, तभी रोहित हाथ पकड़ लेता है।

रोहित- जो तुमने सहा वो मेरी बेटी नहीं सहेगी।

मेरी बेटी को माँ के साथ-साथ पापा का भी प्यार और दुलार मिलेगा, चलो मै भी तुम्हारे साथ चलता हूँ।

शिखा- क्या कहा, तुम भी हमारे साथ चलोगे। चलो अपने घर चलते है।....दोनों गले लगते है...ख़ुशी के आंसू ।



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