बंधन
बंधन
"जया, हम बहुत सालों से एक दूसरे को जानते हैं, तो क्यों ना अब इस दोस्ती के रिश्ते को सामाजिक तौर पर एक नया नाम दे।"
"अमित, हमारे दोस्ती के रिश्ते में क्या बुराई है ?"
"जया, शादी के बाद भी हमारे बीच दोस्ती का रिश्ता रहेगा।"
"अमित, मैं हमारे रिश्ते को शादी के बंधन में नहीं बांधना चाहती, मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी राधा बनकर रहना चाहती हूं।"
"जया, मुझे पता है कि तुम यह क्यों कह रही हो, तुम्हारे ऊपर बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं। तुमने अकेले कमाऊँ बेटे की तरह घर के सारे बोझ अपने सिर पर उठा लिया है। मैं जानता हूं कि अभी तुम्हें अपनी दोनों बहनों की शादी करनी है, छोटे भाई को पढ़ाना है, इसलिए तुम सबसे पहले अपनी सारी जिम्मेदारियां निभाओ। तुम भले ही अभी फेरों के लिए तैयार नहीं हो, लेकिन मैं बिन फेरे भी तुम्हारा साथ हरदम दूंगा और तुम इसके लिए मुझे बिल्कुल मना नहीं कर सकती।