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Akshat Garhwal

Action Crime Thriller

3  

Akshat Garhwal

Action Crime Thriller

Twilight Killer Chapter-12

Twilight Killer Chapter-12

10 mins
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दिन में ही करन से मिलकर हिमांशु और अतुल बेस पर वापस आ गए थे, उन्होंने सभी को सिचुएशन बता दी थी। करन पहले से ही जय को लेकर सतर्क था, उसकी सिक्योरिटी को देख कर ही वो दोनों समझ गए थे कि करन पूरी तरह से इस बात के लिए तैयार है कि जय आएगा और वो जय को खत्म कर देगा, आखिर जय से वो बहुत डरता जो था। ऊपर उसके ऑफिस के बाहर ही कुछ बहुत ही उम्दा स्तर के गार्ड्स थे और अंदर तो.....जैसे दो राक्षस मौजूद थे! हिमांशु इतना तो पहचान ही गया था कि ये लोग बाहर से बुलवाए गए थे और कोई आम गार्ड्स नहीं थे, खासकर अंदर वाले 2! करन ही उस ह्यूमन ट्रेफिकिंग में जुड़ा हुआ है यह बात हिमांशु ने कन्फर्म कर ली थी जिस से सभी के मन में करन के खिलाफ बहुत गुस्सा जमा हो गया था। टीना तो अभी जाकर उसे मारने को तैयार हो गयी थी, पर अगर उसने ऐसा कुछ किया तो यह जय का ही काम आसान कर देगा, जय का पकड़ा जाना जरूरी था।

“सर, रात हो गयी है..अब हमें चलना चाहिए। अगर जय को बिल्डिंग में घुसने से पहले ही देख लिया जाए तो उसका बचना मुश्किल हो जाएगा” टीना ने अपनी काली मिलिट्री टाइप ड्रेस पहन कर सामने कुर्सी पर बैठते हुए कहा, सभी वहीं पर मौजूद थे..निहारिका और आसुना भी।

“ड्रोन्स तैयार है सर, इस बार ‘कॉम्बैट मॉडल’ लेकर चल रहा हूँ” पुनीत ने कंट्रोल पैनल पर काम करते हुए कहा

“हम दोनों भी तैयार है सर!” राम और राघव भी अपनी गन्स के साथ तैयार बैठे हुए थे “इस बार पिछली बार जैसी गलती नहीं होगी”

हिमांशु की टीम तैयार थी, अतुल पलिस स्टेशन से ‘प्रोटेक्शन’ लेकर 3 बजे से ही करन की आफिस बिल्डिंग पर नजर रखे हुए था। हिमांशु के प्लान के मुताबिक पुनीत ड्रोन्स से नजर रखेगा, टीना बिल्डिंग से 500 मीटर की दूरी पर बने हुए एक अंडर-कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग से स्नाइपर की पोजीशन में रहेगी और बाकी हिमांशु, राम-राघव अतुल के साथ ही बाहर रहेंगे और जरूरत पड़ने पर अंदर भी घुस जाएंगे।

“जय के अंदर घुसने के चांस बहुत ही ज्यादा है पर इतनी ऊपर तक जाना उसके लिए भी राई का पहाड़ खड़ा करने जैसा मुश्किल रहेगा। इसलिए जैसे ही कुछ गड़बड़ लगे तो तुरंत ही हम अंदर घुस जाएंगे” हिमांशु ने सीधी बात बताई

“पर सर अगर वो बिना किसी के पता चले ऊपर तक पहुंच गए तो?” पुनीत ने बड़ी आंखों से देखा

“उसके चांस 1 परसेंट से भी कम है” हिमांशु ने कुछ सोचते हुए कहा “ऊपर का दरवाजा करन के अलावा और कोई भी नहीं खोल सकता और जय बाहर पहुंच भी गया तो पहले उसे उन गार्ड्स से मुकाबला करना पड़ेगा और इतने में तो हर जगह अलार्म बज जाएंगे” हिमांशु ने जवाब दिया

“तो फिर जय अंदर जाएगा कैसे?” राम ने सवाल किया

“उसकी 2 प्रोबबलिटी है” सभी इस बात को गौर से सुन ने लगे, आसुना भी उन दो पॉसिबिलिटी के बारे में जानना चाहती थी “ पहली यह कि वो किसी तरह विंडो शील्ड को तोड़ कर अंदर घुसेगा क्योंकि दरवाजा तो उसके लिए खुलेगा ही नहीं और दूसरा यह कि वो किसी तरह करन को बाहर आने को मजबूर कर देगा....और इन दोनों के चांस 50-50 है”

सभी हिमांशु की बात से सहमत थे, क्योंकि इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता तो किसी को भी समझ नही आ रहा था। और दूसरा कोई रास्ता तो था नहीं इसलिए हिमांशु का प्लान इसी पर बेस था। आसुना के चेहरे पर बहुत ही शनत भाव था, जैसे उसे जय की कोई चिंता ही नहीं थी। हिमांशु बहुत देर से आसुना और निहारिका को देख रहा था। अपने पति, अपने भाई के पकड़े जाने की बात पर भी उन दोनों के चेहरे पर कोई भी परेशानी वाले भाव नहीं थे। हिमांशु की टीम निकलने को तैयार थी,

“तुम दोनों तो बहुत रिलैक्स हो” हिमांशु ने दोनों से पूछा

“क्या तुम्हें जय की कोई चिंता नही है?....मैं खुद मानता हूँ कि जय बहुत ताकतवर है पर जब इतने सारे लोग उसके खिलाफ है तो मुझे तो नहीं लगता कि वो बच पायेगा”

हिमांशु ने आखिरी की लाइन में थोड़ा अहम भर दिया था ताकि उन दोनों को गुस्से में देख सके! पर उल्टा उन दोनों को हिमांशु की आवाज पर छोटी सी हंसी आ गयी, अब यह देख कर टीना और राम-राघव को थोड़ा सा गुस्सा आ गया।

“क्या मैं तुम दोनों के हँसने की वजह पूछ सकती हूँ?”

“या फिर तुम्हें कुछ ज्यादा ही भरोसा है की हम जय को छू भी नहीं पाएंगे?” राघव ने तिलमिलाते हुए कहा

“ऐसा कुछ भी नहीं है, तुम सभी जय को छू तो सकते हो पर......उसे केवल वहीं पकड़ सकता है जो उसे अच्छे से जानता हो” निहारिका ने अपना जवाब दिया

“आज की रात तो शुरुआत है ऑफिसर हिमांशु!” आसुना ने बिना किसी भाव के कहा “आगे आप सभी को और भी गुस्सा आने वाला है, इसलिए मेरा यहीं सुझाव है कि जब आप सभी जय के रास्ते में आ जाये तो उसे ‘मारने’ के लिए तैयार रहना, क्योंकि वो आपने रास्ते की रुकावट को केवल एक बार ही दूर फेंकता है.....’गुड लक’ आई विल बी वेटिंग, स्टे अलर्ट!”.

आसुना की आंखों में कोई भी नुकसान पहुंचाने वाला भाव बिल्कुल नहीं था पर उसकी बात ने सभी को यह अहसास तो करा ही दिया था कि आसुना और निहारिका जय के बारे में इतना कुछ जानती है कि उन्हें अब भी जय पर भरोसा है। टीना, राम-राघव आसुना की बात के चिढ़ गए थे, उन्हें लग रहा था कि आसुना उन सभी को अंडरएस्टीमेट कर रही है। उनके मुताबिक एक पब्लिकेशन हाउस का मालिक कितना ही ताकतवर हो सकता है? पिछली बार तो उसने स्मोक ग्रेनेड का इस्तेमाल किया था और इसीलिए राघव जय के हमले की चपेट में आ गया था, ऊपर से हिमांशु ने उस पर उस समय हमला नहीं किया था पर इस बार! इस बार वो लोग जय को कोई मौका नहीं देने वाले थे......और जैसा कि आसुना ने कहा, टीना का प्लान सिचुएशन बिगड़ते ही जय को मारने का ही था। उस ने आसुना को एक तिरछी नजर के देखा।

“ठीक है आसुना, वी विल बी केयरफुल!......जब हम वापस आएंगे तो जय हमारे साथ होगा.....जस्ट वेट!”

इतना कह कर वो सभी बेस को छोड़ कर बाहर निकल गए, इस बार भी हिमांशु तैयार था....बस फर्क इतना आठ की पिछली बार वो जय से बात करना चाहता था क्योंकि उसे लगता था कि जय को बातों से समझाना आसान होगा! पर जब उसने जय को अपनी आंखों से देखा तो उसके चेहरे पर इंसानियत बिल्कुल भी नहीं थी, वो एक ‘कोल्ड ब्लडेड किलर’ बन गया था और उसे पकड़ना हिमांशु के लिए इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरी था।


आज की रात रोज से ज्यादा काली थी, बादलों ने खुद को आसमान में पसार रखा था जैसे कोई काली चादर ढंकी हुई हो। रात तो हर रोज ही होती है पर आज की रात बड़ी ही मनहूसियत लिए लग रही थी, पूर्णिमा होने के बाद भी चाँद की परछाई तक नहीं दिख रही थी, सड़कों में आज कुत्ते भी नहीं घूम रहे थे। थोड़ी तेज हवाएँ चल रहीं थी, सूखे पत्ते उन हवाओं के बहाव के साथ ही उड़-उड़ कर कहीं दूर जा रहे थे पर एक अजीब सी शन्ति थी उस अंधेरे में, जैसे पूरा का पूरा एरिया कोई सुनसान जंगल में बदल गया हो।

‘प्रसाद कंस्ट्रक्शन’ की वो लंबी सी इमारत आसमान छू रही थी, नीचे गार्ड्स का सख्त पहरा था। पुलिस फ़ोर्स की एक टुकड़ी भी बिल्डिंग के सामने मौजूद थी, करीब 20-25 पुलिस वाले थे जिनमें से के अतुल भी था जो कि अपनी ‘डस्टर’ के बोनट के ऊपर बैठा हुआ था और आस-पास नजरें घुमा रहा था, कि उसकी नजर अपने पीछे दुकानों के किनारे पर बनी हुई सकरी गली पर गयीं, किसी के कदमों की आहट ने उसे अपनी रेवोल्वर को पकड़ने की इजाजत दे दी। तभी वहाँ से 4 काले कपड़ों वाले लोग बाहर निकले और अतुल ने......अपनी रिवॉल्वर पर पकड़ छोड़ दी-

“कितनी देर लगा दी यार, आखिर तुम लोग वहां पर क्या रहे थे...ध्यान रहे की हमारा सामना अब किसी सिविलियन से नहीं बल्कि एक किलर से है!”

वो चारों रोशनी के सामने आए तो उनके काले मिलिट्री टाइप कपड़े जिन पर कवच सा बना हुआ था, चेहरे पर नीचे से नाक तक एक मास्क था और ऊपर एक काला चश्मा पहने हुए थे जिस से उनका पूरा चेहरा ही अब ढंक गया था। वो हिमांशु, राम-राघव और पुनीत थे,

“ जब तक तू यहाँ था तो हम अपनी पूरी तैयारी कर रहे थे, हमें क्या मालूम था कि तू हमें इतना मिस करेगा” हिमांशु ने कार के बोनट पर बैठते हुए कहा, वो अतुल को थोड़ा सा सरका के बैठ गया।

“और यहाँ के हालात कैसे है?” हिमांशु की आवाज गंभीर हो गयीं

“सब कुछ नॉर्मल ही है, अभी तक जय का कोई भी अता-पता नहीं है” अतुल ने कहा “और बाहर भी कोई अजीब सी हरकत नहीं हुई.....अंदर तो फिर सब कुछ ठीक ही है वरना अब तक तो हर जगह-अफरा-तफरी होती!”

“हाँ, सही कहा पर वो आएगा कहाँ से?” हिमांशु की आवाज में कंफ्यूज़न था “नीचे से आना बहुत खतरनाक होगा, ऊपर से आने के चांस है पर अगर वो हेलीकॉप्टर या रस्सी की मदद से भी बिल्डिंग में घुसने की कोशिश करेगा तो करन तब तक भाग जाएगा। चलो मान लिया कि वो बिल्डिंग के अंदर है तब भी वो किसी भी तरह छुप कर ऊपर तक नहीं जा सकता और अगर चला भी गया तो करन के आफिस का दरवाजा तो केवल अंदर से करन ही खोल सकता है, हम्म.....जो बिल्कुल भी नहीं करेगा। हर तरफ से तो चेकमेट ही है.......अब भला जय इनमे से कौन सा खतरा उठाएगा?”

हिमांशु की आवाज से अब कंफ्यूज़न हट गया था, पुनीत ने इतनी देर में अपने तीनों ‘कॉम्बैट’ ड्रोन हवा में उड़ा दिए थे, वह बिल्डिंग से दूरी बनाए हुए था और चारों ओर ई फुटेज को ध्यान में रखा हुआ था। ड्रोन्स में वाइड एंगल कैमरा लगे हुए था, 2 मीडियम रेंज की इन-बिल्ट राइफल्स थी और 4 छोटे मिसाइल्स थे...हर ड्रोन पर। राम-राघव अपनी अस्लट राइफल लिए हुए पीछे अंधेरी गलियों में नजरें रखे हुए थे।

“वैसे एक बात पूछूं, हिमांशु?” अतुल की आवाज नरम हो गयी थी, हिमांशु ने हामी में सर हिलाया “अगर हम आज जय को पकड़ लेते है तो.......”

“तोssss......?”

“तो प्लीज़ यार उसे न्याय दिलवाना और ज्यादा सख्ती से पेश मत आना.....आखिर वो मेरा दोस्त भी है और जिस तरह मैं उसे जनता था वह उन लोगों में से बिल्कुल भी नहीं था जो इस तरह के जुर्म करता। और....उसने करन की ह्यूमन ट्रेफिकिंग भी रोकी थी, मुझे भरोसा है कि हम उसकी सजा भी कम कर पाएंगे”

अतुल की मुट्ठियाँ कसी हुईं थी, उसके होंठ बार-बार हिल रहे थे...वह ‘नर्वस’ था। हिमांशु उसकी हालत एक ही बार में देख कर पहचान गया, उसने अतुल के कंधे पर हाथ रखा

“मैं तेरी भावनाओ को समझ सकता हूँ! और चिंता मत कर मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा कि उसे फांसी ना हो”

हिमांशु की बात ने अतुल को राहत दे दी, अब वह ‘नर्वस’ नहीं दिख रहा था। हिमांशु ने अपनी कलाई पर नजर डाली तो घड़ी ने 10 बजने में 10 मिनट कम बताये,

“अच्छा एक बात बता अतुल? अगर जय ने मुझे मारने की कोशिश की तो तू क्या करेगा?”

“ऑफ कोर्स, मैं उसे हर हालत में रोक कर रहूंगा! बस क्या? यह भी कोई सवाल था” अतुल ने गर्व से कहा

“ओके....फिर ठीक है। अब हम उसका ई...!”

हिमांशु की बात पूरी होने से पहले ही अचानक से जैसे किसी ने फूंक मार कर बत्ती बुझा दी हो, पूरे शहर की लाइट चली गईं! एक दम से सभी चकरा गए और सतर्क हो गए, अतुल और हिमांशु की नजरें उल्लू की तरह किसी अजीब आहत को टटोलने लगीं पर......सब कुछ ठीक था। करन की बिल्डिंग तो एकदम जगमगा रही थी, अंदर इन्वर्टर जो लगे हुए थे, यह देख कर सभी रिलैक्स हो गए

“मुझे तो एकपल के लिए लगा था जैसे यह सब जय की करामात है, डर ही गया था” अतुल ने कहा

“हो भी सकती है?”

“नहीं यार! इस महीने में यह चौथी बार लाइट गयी है क्योंकि इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में नए उपकरण लग रहे है......अगर आज पहली बार लाइट जाती तो मैं मान भी लेता कि यह जय की करामात है”

“ओह......” हिमांशु चिहुँका

हिमांशु का फ़ोन बजा, उसने काम में लगे हुए रिसीवर बड को एक बार क्लिक किया,

“हां, कोई खबर है क्या टीना?”

“आssssssह.........यहां पर जरा प्रॉब्लम हो गयी है सर!”

हिमांशु का चेहरा गंभीर हो गया............................ 



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