Arun Tripathi

Romance

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Arun Tripathi

Romance

तुम्हें मैं किस भी नहीं कर ...

तुम्हें मैं किस भी नहीं कर ...

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सरकारी आदेश पर ....पूरा शहर लाकडाउन था . उसके पड़ोस में ही एक करोना पॉजिटिव की मौत हो गई थी ..वो जिंदा रहते हुए ..अपनी जिंदगी में मोहल्ले के तकरीबन हर घर की मैयत में शरीक हुआ था ...लेकिन उसकी मैयत में कोई नहीं गया . एक बे यार- ओ - मददगार आदमी की तरह ...अपने आखिरी सफर पर वो रवाना हुआ था . मोहल्ला क्वारिण्टीन था ....परिंदा भी पर नहीं मार सकता था ......

पूरे इलाके में फोर्स तैनात थी ...जिस दिन धुनिया बस्ती के उजड्ड लोगों नें पुलिस और मेडिकल टीम पर पथराव किया ...उसी दिन से सख्ती बढ़ गई . दोनों समय चाय नाश्ते और खाने का सामान आता तो था लेकिन वो काफी नहीं होता था . अल्ला का शुक्र है ...फोन बंद नहीं था वर्ना जीना मुश्किल हो जाता ....यही सब सोचती वो प्रभात से मिलने को तड़प रही थी . फोन पर बात होती थी ...लेकिन उससे तड़प और बढ़ जाती थी .....

सोनी सलमान खान ....नाम था उसका . अपने वालिद सलमान खान की एक्कड़ बेटी थी वो और बड़ी दुलारी थी ...वे लकड़ी और फर्नीचर के बड़े कारोबारी थे ....उन दिनों वे किसी प्रोग्राम के सिलसिले में अपनी बेगम के साथ मुंबई में थे ...दो दिन के लिये ही तो गए थे और ये नामुराद करोना आ गया .........

सोनी घर में अकेली थी ...उस समय खिड़की पर बैठी वो बाहर देख रही थी ...अचानक वो चौंकी ...

सड़क उस पार बिजली के खम्भे के पास एक आदमी खड़ा था ...उसके मुँह पर मास्क ...हाँथ में दस्ताने थे और वो सिर से पाँव तक नीला लबादा ओढ़े था ...केवल झील सी नीली आंखे दिख रही थीं जो सोनी को देख रही थीं . उसकी नजरें चार हुईं .....जेहन में झटका लगा ...ये तो प्रभात है .

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शहर का सबसे बड़ा आर्ट कॉलेज जिसे एक साल पहले यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला था ....अपने भव्यतम रूप में सजा था ..आज उसका वार्षिक उत्सव था ...स्टूडेंट्स का उत्साह चरम पर था ...सोनी का डांस शुरू होना था और एनाउंसमेंट हो चुकी थी ...सोनी ...नेशनल लेवल टीवी रियलटी शो की विनर थी और ये खास प्रोग्राम ...इवेंट के आखिरी समय में रखा गया था ....एडिटोरियम खचाखच भरा था ..........

कॉलेज की आर्ट गैलरी के बिलकुल विपरीत दिशा में वो एडिटोरियम था जहाँ उत्सव चल रहा था . आर्ट गैलरी की लॉबी में अपने कैनवास पर खड़ा ...रात में जगमगाते अपने कालेज को वो कैनवास पर उकेर रहा था ...रात के आठ बज रहे थे ......प्रभा अपनी पेंटिंग में डूबा था ...प्रभात के पिता सुशांत सरीन

चार्टेड एकाउन्टेंट थे और माँ मैरी ...ब्रिटिश थीं ..वे भी चार्टेड एकाउंटेंट थीं ...दोनों मिलकर एक फर्म चलाते थे . प्रभात एक जहीन ...स्वल्पभाषी ..एकांतप्रिय ..शांत स्वभाव का लड़का था ..जिसे दीनदुनिया से कोई मतलब नहीं था ..वो तो एक कलाकार था ...जो बादलों में भी कलाकृति खोज लेता था


सोनी डांस स्टेज पर प्रकट हुई और लगा दुनिया पलट गई ...उसने एक विदेशी जुगलबंदी पर वो जबरदस्त डांस किया की हॉल में बैठे लोग खड़े होकर तालियां बजाने लगा और हॉल सीटियों की आवाज से गूँज उठा .रात के नौ बज रहे थे ...उत्सव सुबह नौ बजे शुरू हुआ था . अब वो अपने विराम पर पहुंचा था . सोनीका डांस आखिरी प्रोग्राम था ....लोगों की भीड़ गेट की ओर उमड़ी ....

जमाल जई ... नाम के उस लड़के की नज़र सोनी पर जमी थी ...वो उसके पीछे लग गया . सोनी पार्किंग में अपनी स्कूटी तक पहुंची और जमाल नमूदार हुआ ...सोनी के दिमाग नें चेतावनी जारी की ...खतरा...!! ....और वो भागी . लेकिन भागते समय उसे दिशा का अनुमान नहीं हुआ ...वो गेट की तरफ जहाँ लोगों की भीड़ थी ..उधर भागने के बजाय विपरीत दिशा को भागी ...और जमाल तेजी से उसके पीछे लपका ....जमाल और सोनी के बीच सौ मीटर की दूरी थी ....भागते हुए वो आर्ट गैलरी के सामने पहुंची . प्रभातअपना सामान समेट कर सीढ़ियों से नीचे उतरा ही था कि सोनी पीछे देखती हुई ....प्रभात से जा टकराई और बोली ..."प्लीज हेल्प ...एक बदमाश मेरे पीछे लगा है ......"

उसी समय सोनी के पीछे लगा जमाल वहाँ पहुंचा और प्रभात छिटक कर दूर जा खड़ा हुआ . जमालमुस्कुराया और प्रभात से जाने का इशारा किया ....

प्रभात नें अपना बैग उठाया और चल दिया .........

दस कदम आगे जा कर वो पीछे घूमा ....जमाल की पीठ उसकी तरफ थी ......वो हाँथ में कूँची लिये उसके पीछे जा कर खड़ा हुआ और जोर से बोला ....."एक्सक्यूज मी !" ....जमाल चौंक कर पीछे घूमा और प्रभात का पेंटिंग ब्रश उसकी आँख में घुस गया ...वो जमीन पर गिर कर ...तड़पने लगा ...

प्रभात नें सोनी का हाथ पकड़ा और सरपट भागा .

अपनी कार का दरवाजा खोल कर ...उसने सोनी को सीट पर धक्का दिया और सीधा जाकर....... कोतवाली में खड़ा हुआ .आधे घंटे के अंदर जमाल पुलिस की गिरफ्त में था .उसकी एक आँख फूट गई थी ...पहले तो पुलिस उसे हॉस्पिटल ले गई ....फिर कुछ ही समय में वो...... हवालात में था .

सोनी और प्रभात का बयान दर्ज़ हुआ . सोनी नें जिद की .....कि वो ये इल्जाम अपने सिर लेगी कि जमाल की आँख उसने फोड़ी है ....उसने दलील दी कि ये अपनी हिफ़ाजत में उठाया कदम माना जायेगा बात जायज़ थी और मान भी ली गई ...

जमाल.......मालदीव का नागरिक था . जरूरी था कि भारत सरकार ये सूचना ...मालदीव को देती ....मामला हाई प्रोफाइल हो गया और तीन महीने जेल में रहने के बाद ...जमाल अपने चेहरे पर एक बदनुमा दाग लिये मालदीव चला गया ...

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केस के अंजाम तक पहुँचने के दौरान सोनी और प्रभात की मुलाकातें बढ़ती गईं और सोनी को यकीन होने लगा कि यही है उसके सपनों का राजकुमार.....

ब्रिटिश माँ और हिन्दोस्तानी बाप की औलाद वो एक असली एंग्लोइंडियन था ...गोराचिट्टा रंग ...नीली आँखे ...काले और हल्की लालिमा युक्त बाल ......

मध्यम कद और कलाकार व्यक्तित्व .....सोनी उस पर मोहित हो गई .....

वो दीन दुनिया को भूल ...प्रभात में ही खोई रहने लगी . वह सुबह सुबह उसके घर पहुँच जाती और कहने पर भी न टलती ...प्रभात के माता पिता स्वतंत्र विचारधारी थे ..उन्हें उसके आने जाने ..रुकने में कोई आपत्ति तब तक नहीं थी ....जब तक प्रभात को ऐतराज न होता ...

उन दिनों एक इंटरनेशनल प्रोजेक्ट के लिये प्रभात को एक न्यूड पेंटिग बनानी थी और उसे एक मॉडल की तलाश थी ...एक दिन एक अति आधुनिक बिंदास लड़की .....प्रभात के साथ उसके स्टूडियो में आयी और सारे कपड़े उतार कर ...उसके डायरेक्शन में पोज बना कर खड़ी हो गई ...प्रभात की कूँची कैनवास पर चलने लगी ...चित्र उभरने लगा ....

और सोनी पहुँच गई ...और पगला गई ...उसने चप्पल उतारी और उस लड़की को पीटने लगी ....वो किसी तरह उल्टे सीधे कपड़े पहन वहाँ से भागी .

"ये तुमने क्या किया ?" ....प्रभात बोला .

"वो चुड़ैल यहाँ नंगी खड़ी थी ...उसकी हिम्मत कैसे हुई तुम्हारे सामने कपड़े उतारने की ?" ...सोनी नें चिल्ला कर कहा .

"चीखो मत ...समझने की कोशिश करो ...वो मॉडल है ...प्रोफेशनल है . अरे ! मुझे एक मॉडल चाहिए अपनी पेंटिंग के लिये" ....प्रभात बोला .

" नंगी औरत का मॉडल ?"....सोनी बोली

" हाँ .."

जरूरी है ?"

"हाँ .".

"तो ...ठीक है . तुम पेंटिग बनाओ ...मैं कपड़े...... उतारती हूँ ..कोई और लड़की तुम्हारे सामने कपड़े उतारे ...मुझे बर्दास्त नहीं" ...सोनी ने निश्चयात्मक स्वर में कहा .

"देखो सोनी ! वो प्रोफेशनल है ...उसकी आँखों के भाव तुम अपनी आँखों में नहीं ला सकती ...लाज से ही मर जाओगी ...मैं पेंटिंग क्या बनाऊंगा ?"..प्रभात

नें उसे समझाया .

" नहीं ..तुम पेंटिंग बनाओ ...जैसा पोज कहोगे ........बनाउंगी ...उसने जिद की ."

"लेकिन मैं तुम्हे अपनी मॉडल नहीं बना सकता .....".प्रभात नें कहा .

"क्यों ?"...सोनी बोली .

" क्योंकि तुम कोई मॉडल नहीं हो ...तुम तो कुछ और हो" ...वो बोला .

"क्या हूँ मैं ?" ...सोनी बोली .

"तुम मेरी ......"

"क्या ? "...सोनी बोली और उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी ..."जल्दी बोलो प्लीज" ...सोनी अधीर हो कर बोली ......

" तुम्हारी हैसियत बहुत ऊँची है सोनी !....तुम तो मेरी होने वाली बीवी हो ...".प्रभात नें कहा .और सोनी रोने लगी .....प्रभात पानी का गिलास लिये खड़ा था ...उसने पानी पिया और सजदे में झुक कर बोली ...."शुक्रिया ...मेरे खुदा !"

और एक दिन जनाब सलमान खान अपनी बेगम के साथ ....प्रभात के घर आये और ..दोनो परिवारों का एक दूसरे के यहाँ आना जाना बढ़ गया ...दोनों परिवारों को इस विवाह से कोई आपत्ति नहीं थी ...तीन महीने बाद कोर्ट में शादी करने की तारीख तय हुई और रिसेप्सन के लिये हयात रीजेंसी बुक हुआ .

शादी के दस दिन बचे थे और सोनी के माता पिता मुंबई गए ...सोनी घर में अकेली थी ...खुश थी ...

वो शादी के दिन गिन रही थी ...अब केवल सात दिन बाकी थे ......और लॉकडाउन हो गया !!!


सड़क उस पार बिजली के खम्भे के पास खड़ा वो युवक ...हाँथ में खाने पीने का सामान थामे ......सोनी के घर की कॉलबेल दबा रहा था .......

हथियारबंद फोर्स के दो जवान वहीं खड़े थे और उन्होंने कुछ नहीं कहा ... सोनी भाग कर आयी और दरवाजा खोल दिया .

प्रभात बोला ...."बोलो क्या बात है ? मैं हाजिर हूँ ."

"बस तुम्हे एक नजर देखना था ...देख लिया" ...सोनी ने कहा .

"ये लो खाने पीने का सामान ...मैं रोज सुबह शाम आऊंगा ...तुम परेशान न होना "...प्रभात बोला .

सोनी नें थैला पकड़ कर कहा ...."नहीं ..तुम अब नहीं आना ...लॉकडाउन है और हमें इस विश्वव्यापी भयंकर महामारी से लड़ना है ....तुम घर पर रहो ....

सेफ रहो . मम्मी पापा को मेरा सलाम बोलना . जब जरूरत होगी बुलाऊंगी ...अब तुम जाओ ..."

सोनी ने उसकी तरफ हाँथ बढ़ाया और फिर वापस खींच कर ...डबडबाई आँखों से प्रभात को देखती हुई बोली ...."आज तो तुम्हें मैं किस भी नहीं कर सकती !!!


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