Krishna Khatri

Abstract

2.5  

Krishna Khatri

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टाइम पास !

टाइम पास !

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कभी जिन्दगी में ऐसा वक्त भी आता है जहां इन्सान चाहकर भी कुछ कर नहीं पाता है ! उसकी जिन्दगी में जिस इन्सान की अहमियत सबसे ज्यादा होती है वही उससे दूर रहता है या हो जाता है ! कमल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, वह अपनी क्लासमेट नीलू से प्यार करता था मगर नीलू के दिल में उसके लिए,ऐसा कुछ नहीं था फिर भी उसने उससे कभी साफ-साफ नहीं बताया बल्कि अपने लटकों-झटकों से बांधे रखा, दिखाती ऐसे जैसे कि वो भी बहुत प्यार करती है कमल से ! बेचारा कमल तो उसके प्यार में आकंठ डूबा हुआ था ! उधर रितिका कमल से प्यार करती थी पर कभी इजहार नहीं किया, वो जानती थी कमल नीलू से प्यार करता है इसलिए अपने जज़्बात भीतर ही भीतर दबा कर रखे । एक दिन नीलू अपनी सहेलियों के बीच मज़े ले लेकर ठहाके मारती हुई कह रही थी - कमल से प्यार, और मैं,, माय फुट ! अरे यार, उस के मुंह से लारें टपक रही है तो मैं क्या करूं, दीवाना है मेरा, बस मज़े लेते हैं, टाइम पास हो जाता है और क्या ! इतनी देर से रितिका सुन रही थी, बोली - यह तो ग़लत है नीलू इस तरह किसी की भावनाओं से खेलना अगर तुम प्यार नहीं करती तो प्यार का यह ढोंग क्यों ?

 तुझे क्यों हो रही इतनी तकलीफ ? इतना ही दिल दुख रहा है तो तू ही चली जा उसकी आगोश में !

 नीलू, संभलजा अभी भी वक्त है, पछताएगी एक दिन, इस तरह की बेहूदा बातें करके तू अपना ही मान घटा रही है ! फिर किसी के दिल से खेलना कहां तक उचित है ! ज़रा इस पर विचार करना, इतना कहकर निकल गई ! उसे कमल के लिए बड़ा खराब लग रहा था, उसे यह सच्चाई बताना चाहती थी पर कैसे ? भला कमल इसकी बातों पर क्यों भरोसा करेगा वो तो नीलू के प्रेम में डूबा हुआ है, अब वो करे भी तो क्या ? उसको भरोसा दिलाए भी तो कैसे, फिर भरोसा भी तभी तो करेगा जब उसकी बात सुनेगा ! इधर कमल के साथ प्यार का नाटक और साथ ही विक्की के साथ भी प्यार की पींगें लड़ा रही थी ! जाहिर है दिल से विक्की की थी, उसके साथ घूमती-फिरती, मज़े करती लेकिन कमल को भी लटकाए रखा हुआ था कमल देखकर भी कुछ देख नहीं पा रहा था कि कुछ अरसे बाद विक्की के साथ अपनी शादी का कार्ड लाकर देती है तो कमल पर गाज गिर जाती है, बेचारा कुछ बोल ही नहीं पाता है बस, फटी-फटी आंखों से उसे देखता रह जाता है, डबडबाई आंखें और भरे गले से इतना ही बोला - तुम, विक्की ?

 हां विक्की, प्यार तो उसी से करती थी, करती हूं और करती रहूंगी !

 फिर, वो क्या था ?

 टाइम पास ! सुनकर कमल एकदम हैरान रह गया, सन्न -सा कुछ बोल ही नहीं पाया, इतना बड़ा धोखा ! यही बात पहले ही कह देती ! नीलू की इस बेवफाई का उस पर इतना गहरा असर हुआ कि वो तन-मन से बीमार पड़ गया, काॅलेज भी पिछले दो महीने से नहीं गया था प्रोजेक्ट और एग्जाम वगैरह सब धरे रह गए और वो उसकी बेवफाई से उबर ही नहीं पा रहा था ! रितिका उसके लिए बहुत कलपती थी पर कमल तो उसकी तरफ देखता ही नहीं था तो कभी बात करने का खास मौका भी नहीं मिला ! मन पक्का कर एक दिन उसके घर गई वहां जाकर तो बर्दाश्त ही नहीं कर पाई जो कमल की हालत थी, रुलाई रुक ही नहीं रही थी इसलिए कुछ बोल भी नहीं रही थी, बस, गंगा-यमुना होती आंखों से कमल के चेहरे को ही देखें जा रही थी लेकिन सब धुंधला हो रहा था ! उसे इस तरह रोते देख कमल हैरान था कि इसके साथ क्या हो गया ? काफी देर तक उसे यूं ही चुपचाप देखता रहता है जब कुछ सयंत होती है तो पूछता है - क्या तेरा भी किसी ने दिल तोड़ा है ? अरे क्यों रोना ऐसे लोगों के लिए !

 और तुम क्या कर रहे हो ?

  मैं क्या कर रहा हूं ?

  जिसने बेवफाई की उसके लिए मातम मना रहे हो और जो प्यार करता है उसकी तरफ देखते ही नहीं !

  क्या, तुम, मुझसे प्यार ?

  हां !

  कबसे ?

  स्कूल से !

 फिर बताया क्यों नहीं ?

 किसे बताती और कैसे बताती ! तुमको तो नीलू के अलावा कभी कोई दिखा ही नहीं जबकि वो तुम्हारे साथ टाइम पास कर रही थी, तुम न तो यह समझ पाए और ना ही विक्की को देख पाए, नीलू के प्यार की पट्टी बंधी हुई थी जो कुछ ज्यादा ही मोटी थी !

अरे यार, जब स्कूल से, तो फिर कभी तो बताती, नीलू तो मेरी जिंदगी में बहुत बाद में आई लेकिन मैं तो तुम्हारी जिन्दगी में शुरू से था, बताती तो सही !

  अब तो बता दिया !

  लेकिन अब मेरे पास तो कुछ नहीं सिवा खालीपन के ! क्या मिलेगा तुम्हें मुझसे ?

  तुम ?

  पर अब केवल खाली शरीर है जिसका दिल टूट गया, फ्यार लुट गया, क्या करोगी खाली शरीर का ?

  एक बात कहूं खाली शरीर के इस टूटे दिल को मेरा प्यार जोड़ देगा, अपनी कोंपल को भी जन्म दे देगा,, बस तुम इजाजत दे दो !

 यह सब बकवास है, कुछ हासिल न होगा, हाथ लगेगी तो केवल निराशा ! इसलिए अच्छा लड़का देखकर जहां पेरेंट्स शादी कराते हैं, कर लो !

यही सब तुम पर भी तो लागू होता है, भला मुझसे बेहतर तुम्हारे लिए और कौन हो सकता है इसी तरह मेरे लिए भी तुमसे बेहतर कोई नहीं ! क्यों न हम एक-दूसरे के पूरक बन जाएं !

 क्या बिना प्यार का मुझे झेल पाओगी ?

 बिना प्यार के तो हल्के-फुल्के हो जाओगे ना तो और भी आसान हो जाएगा !

 काश, तुम पहले मिली होती तो नीलू ने कब्जा न किया होता !

 अभी भी देर नहीं हुई , बहुत कुछ बाकी है और जितना भी है मेरी जिन्दगी के लिए काफी है इसलिए,, 

 इसलिए से मतलब, क्या ?

 यही कि जो हुआ सो हुआ अब तुम कभी अलविदा न कहना मुझसे, वरना,,

 बस, अब बस, तुम भी और कुछ न कहना, और कभी किसी वजह से उस बेवफ़ा की तरह यक-ब-यक, यूं ही कभी, वरना यह खाली शरीर भी नहीं बचेगा ! 

कमल, तुम मुझे भी नीलू की तुला पर तौल रहे हो ? फिर तो तुम्हें पहचान ही नहीं है ? अब कह भी क्या सकती हूं ! फिर भी अगर भरोसा कर सको तो इतना ही कहूंगी - हमारी जिन्दगी में वियोग के लिए कोई जगह नहीं बल्कि संयोग ही संयोग होगा, यह वादा है इस रितिका का ! तुमसे भी सच्चे-पक्के वादे की उम्मीद है, कहते-कहते रितिका का गला भर आया और कमल ने बिना कुछ कहे अपनी बाहें फैला दी ! मानो यही उसका पक्का वादा था जहां अविश्वास और टाइम पास के लिए कहीं कोई गुंजाइश न थी ! 

  दो साल बाद माॅल में नीलू से मुलाकात हुई उसे देखकर तो इतना खराब लगा इतनी कमजोर और छीजी हुई, उम्र भी जैसे दस साल आगे बढ़ गई थी ! हाय हॅलो के बाद, ये क्या हुआ तुझे,,, अकेली, विक्की, ?

शादी के एक महीने बाद ही उसने रंग दिखाने शुरू कर दिए थे - मारना-पीटना, लड़कियों के साथ गुलछर्रे उड़ाना ही मानो उसका शगल था ! मेरे पापा का बिजनेस भी अपने नाम करवाने के बाद मुझसे तलाक माग रहा है लेकिन मैं भी नहीं दूंगी उसने मेरे साथ टाइम पास किया था मेरी दौलत के लिए इकलौती जो हूं ! खैर, तुम्हारे साथ मैंने जो किया उसका फल तो मिलना ही था, वाकई प्यार कोई खेल नहीं और ना ही टाइम पास, अब पूरी शिद्दत से समझ रही हूं लेकिन, ! आय म सौरी ! और वहां से निकल गई कमल रितिका सोच रहे थे उसके टाइट पास के बारे में !


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