सुपरस्टार
सुपरस्टार
“सीमा, लगता है हारमोनियम पर तुम ठीक से रियाज़ नहीं कर रही हो। देखो, तबले के साथ तुम्हारा सही ताल नहीं मिल रहा है... तार की जगह तुम मध्य सप्तक लगा रही हो ! कहा था ना...सबेरे चार बजे उठकर सुर साधा करो ।
“गुरु जी ...वो... रियाज...। ऐसा है, मैं एक साल से रियाज़ करते-करते अब थक गई हूँ । “ सीमा साहस बटोरते हुए बोली ।
“ बस, एक ही साल में थक गई ?” पांच सालों तक लगातार , अहले सुबह उठकर कई घंटों तक रियाज करोगी, तब जाकर तुम्हें सुर-ताल पर पकड़ बनेगी, समझी। “
“गुरु जी , मेरी एक दोस्त है...वो छः महीने के रियाज़ में ही स्टेज शो करने लगी । हमेशा प्रोग्राम देने इस शहर से उस शहर जाती है।रीमिक्स गाने में वो आजकल खूब धूम मचा रही है । उसका शहर में नाम भी है..और उसके पास पैसा भी।सुर साधने के लिए उसका समय भी बर्बाद नहीं होता ।
सच कहती हूँ, आजकल दर्शक बहुत समझदार हो गये हैं।सांस्कृतिक कार्यक्रमों में, जैसे ही कोई गायक शुद्ध क्लासिकल संगीत—भैरवी, भूपाली, मल्हार.. आदि शुरू करते हैं ...अधिकांश दर्शक इंटरवल कहकर बीच से ही उठ जाते हैं ।
मैं भी सोचती हूँ, अब क्लासिकल छोड़कर, रीमिक्स ही सीख लूँ । फिर उसकी तरह मैं भी रातों-रात स्टार बन जाऊँगी । गुरु जी तबले पर संगत आप ही कीजियेगा । “ इतना कहकर सीमा गुरू जी के चेहरे के चढ़ते-उतरते भावों को पढ़ने लगी।
“ गुरु-शिष्य के संवाद को सुनकर, हारमोनियम से निकला स्वर— ‘साऽऽऽ....बहुत जोर से कराह उठा...!!