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neha sharma

Horror Tragedy Inspirational

4  

neha sharma

Horror Tragedy Inspirational

स्टेशन पर चाय

स्टेशन पर चाय

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हर रोज की तरह सागर अपने ऑफिस गया वहा जाते ही पता चला की उसको किसी जरूरी काम की वजह से जोधपुर जाना पड़ेगा वो भी एक हफ्ते के लिए वो खुश तो था लेकिन साथ ही दुखी भी क्युकी अभी अभी उसकी शादी हुई थी और ऐसे में अपनी पत्नी को अकेले छोड़कर जाना अच्छा नही लग रहा था साथ ही वो ये सोच रहा था की वो ये अचानक से जोधपुर जाने की बात रश्मि से कैसे कहेगा वो भी एक हफ्ते के लिए उसको कैसा लगेगा उस दिन वो अपना काम जल्दी खत्म कर के घर के लिए निकल गया क्युकी उसको अगले दिन जोधपुर के लिए जाना था रास्ते भर में वो सिर्फ रश्मि के बारे में ही सोच रहा था वो अपने घर पहुंच गया था रश्मि उसको देखते ही पानी का गिलास ले कर आई और सागर को पकड़ा कर रसोई में चली गई सागर के लिए चाय बनाने के लिए सागर वही हाल में सोफे पर ही लेट गया और रश्मि का इंतजार करने लगा थोड़ी ही देर में रश्मि चाय ले कर आ गई दोनो साथ बैठकर चाय पीने लगे सागर को यू परेशान देखकर रश्मि ने पूछा सागर क्या हुआ है आए हो तब से देख रही हु परेशान से लग रहे हो कुछ कहना चाहते हो क्या या ऑफिस में कुछ हुआ है आज घर भी जल्दी आ गिर रश्मि ने इतने सारे सवाल एक बार में ही पूछ लिए रश्मि की इतनी सारी बाते सुनकर सागर बोला तुम परेशान मत हो कुछ नही हुआ है और मैं ठीक हु और तुमसे कुछ कहना चाहता हु लेकिन तुम ये बात सुनोगी तो तुम्हे बुरा ना लग जाए बस यही सोच रहा था तो रश्मि ने कहा ठीक से बताओ बात क्या है सागर कहता है कि मुझे कल जोधपुर के लिए निकलना पड़ेगा वो भी एक हफ्ते के लिए ऑफिस का काम है और मैं तुम्हे ऐसे अकेले छोड़कर नही जाना चाहता लेकिन मुझे जाना पड़ेगा मजबूरी है वहा जा कर भी बस तुम्हारी ही चिंता रहेगी रश्मि कहती है सागर बस इतनी सी बात के लिए परेशान हो रहे थे ये सब भी तो तुम हमारे लिए ही कर रहे हो ना ये एक हफ्ता यू निकल जायेगा पता भी नही चलेगा और फिर हम बात करते रहेंगे ना तुम जल्दी से जाओ कमरे में और जो कुछ आपके बैग में रखना है वो निकाल दो मैं आपका सारा सामान रख देती हूँ।

परेशान तो रश्मि भी थी सागर के जाने से लेकिन सागर परेशान न हो इसलिए खुश होने का नाटक किया और रसोई में चली गईं और खाना बनाने में लग गई दोनो ने साथ में खाना खाया और बहुत सारी बाते की और रश्मि ने सागर से अपना ध्यान रखने और घर की चिंता ना करने के लिए कहा फिर दोनो सो गए सुबह जल्दी उठकर रश्मि ने सागर का नाश्ता बनाया और रास्ते के लिए खाना बांध दिया फिर सागर को उठा कर तैयार होने के लिए कहा सागर जल्दी से तैयार होकर बाहर आया और नाश्ता करके जोधपुर के लिए जाने को निकलने लगा जाने से पहले उसने रश्मि की तरफ देखा फिर उसके पास आ कर उसका माथा चूमा रश्मि ने सागर को कहा की जल्दी से काम खत्म करके आ जाना और फिर सागर निकल गया उसने पूरे रास्ते रश्मि को बहुत याद किया शाम तक वो जोधपुर पहुंच गया उसने वहा एक होटल मे रहने के लिए कमरा लिया कमरे में जा कर वो नहा धो कर थोड़ी देर आराम करने के लिए लेट गया फिर कुछ देर बाद उसको भूख लगी तो उसको रश्मि का दिया हुआ खाना याद आया उसने जल्दी से बैग से निकाल कर खाना खाया और खाने के बाद रश्मि से बात की बहुत देर तक दोनो बात करते रहे फिर फोन रखने के बाद सागर को नींद नही आई उसका चाय पीने का मन हुआ उसने कमरे से बाहर आ कर देखा उसको कोई दिखाई नही दिया रात बहुत हो चुकी थी इसलिए सब सो गए थे उसने कमरे को लॉक किया और बाहर घूमने निकल गया की शायद कुछ मिल जाए थोड़ी दूर जाने पर उसको रेलवे स्टेशन दिखाई दिया उसने सोचा की शायद वहा उसको चाय मिल जाए वो वहा गया उसने देखा एक काले कपड़े पहने औरत वहा की सफाई कर रही थी उसने वहा खड़े लड़के से चाय लाने को कहा और बेंच पर बैठ कर पास में रखा अखबार पढ़ने लगा अखबार काफी पुराना था तभी वो लड़का चाय ले कर आया थोड़ी देर में चाय पीने के बाद वो वहा से होटल के लिए निकलने लगा तभी एक ट्रेन वहा से गुजरी उसने ध्यान नही दिया होटल आकर उसने समय देखा रात के साढ़े बारह बजे थे उसने सोचा आज का तो समय निकल गया और अच्छा हुआ पास में स्टेशन हैष

वरना चाय के बिना सो ही नही पाता आदत जो हो गई है रश्मि के आने के बाद से कुछ ज्यादा ही चाय पीने लगा हू आया था तब तो मैंने ये रेलवे स्टेशन नही देखा शायद ध्यान ही नही गया होगा मेरा रश्मि के ख्यालों से बाहर आता तो कुछ दिखाई देता ना खुद से ही बाते कर के सागर सो गया सुबह उठकर अपने ऑफिस के काम में लग गया ऐसे ही रोज रात को सागर उस रेलवे स्टेशन पर चाय पीने जाने लगा उसको हर रोज वही औरत सफाई करते दिखाई देती लेकिन कभी उसकी शक्ल नही दिखाई दी अंतिम दिन सागर का काम खत्म होने के बाद उसने सोचा की चलो आज घर जाना है काम भी हो गया अब रश्मि के लिए कुछ तोहफा ले लेता हू देखेगी तो खुश हो जायेगी इतने दिन दूर रहने की तकलीफ तो दे चुका हु शायद कोई खुशी दे सकू ये सोच कर वो होटल से बाहर निकला उसने वहा से रश्मि के लिए तोहफा खरीदा अचानक से उसका ध्यान रेलवे स्टेशन की तरफ गया उसने देखा की वहा सब कुछ टूटा फूटा था बंद पड़ा था जैसे कोई आता जाता ही ना हो इतना गन्दा था ऐसा कैसे हो सकता है कल रात को ही तो वो वहा चाय पीने आया था उसने होटल पहुंच कर होटल के मैनेजर से उस रेलवे स्टेशन के बारे में पूछा तो उसने बताया की वो तो काफी महीने से बंद पड़ा है वहा एक बार बुरी तरह आग लग गई थी और जितने लोग थे सब मर गए थे यहां तक कि रात को बारह बजे एक ट्रेन आती थी उसमे भी आग लग गई थी और सब मर गए थे अब वहा कोई नही जाता सुनने में आया था की किसी ने रात को उसी समय उस ट्रेन को फिर से आता देखा और दूसरे दिन वो व्यक्ति मर गया सभी कहते है की रात को वो भूतिया ट्रेन आती है ये बात सुनकर सागर के रोंगटे खड़े हो गए उसने तो ये सच में देखा था शायद इसलिए उस औरत की शक्ल नही दिखाई दी और उसने भी ध्यान नही दिया उसने जल्दी से सारा सामान बांधा और फिर सागर अपने घर के लिए निकल गया रात को वो घर पहुंचा तो वो बहुत ज्यादा डरा हुआ था रश्मि ने उससे पूछा तो उसने रश्मि को सब बाते बताई आज तक सागर उस बात को भूल नहीं पाया ।।


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