औलाद
औलाद
मां बनना हर औरत के लिए एक खुशी का पल लेकर आता है । उसी से औरत पूरी होती है।
एक मां बाप के लिए दुनिया का सबसे प्यारा दिन होता है जब वो मां बाप बनते है । लेकिन कभी कभी वही औलाद अभिशाप से कम नही होती।
निर्मला और उसका पति दिनकर अपने मां बाप बनने से बहुत खुश थे।
उन्होंने बड़ी धूमधाम से अपने बच्चे के होने पर दावत दी थी।वो दोनो बहुत ज्यादा खुश थे की उनके घर में एक नन्हा सा मेहमान आया था।
जो बड़ा हो कर उनका वंश आगे बढ़ाएगा। दिन बढ़ते गए और उनका बेटा बड़ा होने लगा।
वो उसकी हर जरूरत पूरी करने लगे। उसको हर जिद मानने लगे। उनको नही पता था कि ये जिद बाद में बहुत बड़े दुख का कारण बनेगी।
वो किस करने लगा और जब बड़ा हुआ तो अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए चोरी करने लगा।
उसको उसके मम्मी पापा ने बहुत बार समझाया लेकिन वो लगातार अपनी आदतों पर टिका रहा ।
एक दिन उसने अपनी आदतों की वजह से पड़ोस के घर में चोरी की और जब पकड़ा गया तो उस व्यक्ति का खून कर दिया।
उसके बाद वो पकड़ा गया। वो जेल में बंद था। और उसके मम्मी पापा अपने किए पर पछता रहे थे कि अगर शुरू से ही उसकी जिद पूरी न की होती तो आज ये सब नही होता।
