प्यार की बारिश
प्यार की बारिश
"अलका ,,,, जल्दी करो! ऑफिस के लिए लेट हो रहा है। तुम्हारी वजह से आज फिर मेहता सर से डांट खानी पड़ेगी। महक ने गुस्सा करते हुए कहा।
",,,, तू फिक्र मत कर यार ,,,, कुछ नही होगा और रही बात मेहता सर की तो उन्हें तो मै यू ही चुटकियों में संभाल लूंगी।" अलका ने बाथरूम से चिल्लाते हुए कहा।
"यार तू और तेरी बाते मुझे कुछ समझ नही आती। सुबह टाइम से उठकर भी हम कभी ऑफिस टाइम से नही गए। हमेशा तेरी वजह से मुझे सुनना पड़ता है।"
"चल अब बाते रास्ते में कर लेंगे ,,," अलका जल्दी से रेडी हो कर ऑफिस के लिए बाहर आते हुए बोली । दोनो ऑफिस लिए स्कूटी से निकल गई। दोनो साथ में काम करती है और बहुत ही अच्छी दोस्त है।
थोड़ी दूरी पर चलते ही अचानक से बारिश होने लगी। महक गुस्से से बोली कि अब बारिश को भी अभी आना था । पूरे कपड़े गीले हो गए और पहले ही हम इतना लेट है और अब वापस जाना पड़ेगा ड्रेस चेंज करने के लिए।
"अरे यार कभी तो बिना टेंशन के जिया कर ,,, इस बारिश के मजे ले,,,, कभी कभी तो भीगने का मोका मिलता है और रही बात ऑफिस की तो बोल देंगे कि ट्रैफिक ज्यादा था और फिर बारिश आ गई।" अलका ने मुस्कुराते हुए कहा।
अलका ये सब बाते महक को बोल ही रही थी कि तभी अचानक उसकी नजर पास की गाड़ी पर गई। उसमे एक लड़का लगभग उसी को देखे जा रहा था। अलका ने नजरे चुराने और उसे इग्नोर करने की कोशिश की लेकिन वो उसे ही देख रहा था।
किसी अच्छे घर से लग रहा था। देखने में काफी हैंडसम लग रहा था। अलका को वो पहली नजर में ही भा गया। उसने अपनी नजरे झुका ली।
चल अब घर चलते है वापस,,,, चेंज कर फिर ऑफिस चलते है। महक बोले जा रही थी लेकिन अलका तो उसकी बाते सुन ही नहीं रही थी। वो तो खोई हुई थी
तभी वो लड़का गाड़ी से उतरा और अलका के पास आ कर बोला ,,,,, सुनिए ! मेरा नाम अनुराग है। मै काफी देर से देख रहा हूं,,, मुझे आपसे कुछ बात करनी है । आप को बुरा न लगे तो क्या हम कुछ देर बात कर सकते है ?
"जी,,,,जी,,,जी वो मै कहिए क्या बात है ?" अलका ने झिझकते हुए कहा।
महक ने अलका को रोकना चाहा लेकिन अलका ने महक का हाथ पकड़ कर उसे चुप रहने का इशारा किया।
"क्या आप मेरे साथ एक कप कॉफी पी सकती है ? यही पास में ही कॉफी शॉप है अगर आप को ठीक लगे तो " अनुराग ने बहुत ही प्यार भरे अंदाज में पूछा तो अलका मना नही कर पाई।
वैसे भी वो दिल ही दिल उसे पसंद जो करने लगी थी शायद पहली नजर में ही उसे प्यार हो गया था। तीनों पास के कॉफी शॉप में चले गए।
महक उन दोनो से दूर एक टेबल पर बैठ गई। अनुराग वहा भी अलका को देख रहा था और अलका शरमा कर नजरे नीचे झुकाए बैठी थी। तभी अनुराग ने अलका का हाथ पकड़ कर कहा,,,,
देखिए ! मुझे नही लगता कि इसमें कुछ गलत है मेरे दिल में आया तो रहा नहीं गया और बताना सही समझा।
"जी आप कहना क्या चाहते है साफ साफ कहिए ना ,,, मुझे कुछ समझ नही आया।" अलका ने कहा
"मैने अभी जब आपको बाहर भीगते हुए देखा तो पहली नजर में ही मुझे आप से प्यार हो गया। मै आपको पसंद करने लगा ,,, मुझे आपका वो खुशमिजाजी स्वभाव बहुत अच्छा लगा,,,आप पर कोई दबाव नहीं है की आप भी मुझे पसंद करे बस मेरे दिल ने कहा कि मुझे आपको अभी बता देना चाहिए इसलिए बता दिया,,,,अब आगे आपकी मर्जी ,,,, आपकी हा और ना दोनो ही मेरे लिए जरूरी है।"
सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि अलका को समझ नही आया,,,हालांकि वो अनुराग को पसंद करती है लेकिन ऐसे किसी से दो मिनट में ही पहली बार मिलने पर इतना बड़ा फैसला लेना क्या सही होगा।
उसने अपने दिमाग को इग्नोर करते हुए अपने दिल की बात सुनी। और अनुराग से अपने रिश्ते के लिए हा कर दी। दोनो बहुत खुश थे। उस एक बरसात ने दोनो की जिंदगी खुशियों से भर दी।

