सरप्राइज
सरप्राइज
आज से लगभग चार साल पहले की बात है , यानी जनवरी 2016
की बात है।
मैं शहर में रहता था और मम्मी - पापा गांव में, तो मैं आने वाला था। रविवार का दिन था।
गांव आने की खुशी में, मैं सुबह जल्दी उठकर तैयार होने लगा। मैंने अपनी बैग में समान रख दिया और घर के लिए कुछ लेने के लिए बाहर बाजार चला गया।
मैंने अपना मोबाइल निकाला और फेसबुक देखने लगा, अचानक पापा की फोटो अाई, मैंने फोटो लाईक किया और आगे बढ़ने लगा।
तो याद आया पापा कभी फेसबुक चलाते ही नहीं है,
क्योंकि उन्हें चलाना ही नहीं आता है।
वो एक दिन मैंने उनकी आईडी बना दी थी।
मेरे पापा अनपढ़ हैं इसीलिए सिर्फ फोन उठाना और करना जानते है।
लेकिन उस अनपढ़ इंसान से मैने बहुत कुछ सीखा है, मेरे लिए वो दुनियां के सबसे ज्यादा शिक्षित व्यक्ति है।
हां, तो मैंने गौर किया, तो "हैप्पी बर्थडे" नाम आ रहा था।
मेरे बेवकूफ दिमाग में आइडिया आया कि क्यों न पापा को आज सरप्राइज दिया जाए।
मैनें खुद को अनुमति दे दी।
और बाजार जा रहा था तो आते समय एक केक ले आया, और बैग को वापिस खोलकर उसमें केक रखा और अब मेरी बैग तैयार थी।
बस रवाना होना था, समय अभी 10 बजे थे।
मैनें अपना मोबाइल निकाला और बड़ी बुआ को फोन किया कि आज आपको गांव आना है।
बुआ ने हामी भर दी।
मैं खुश होकर छोटी बुआ को फोन किया और कहा कि आज आपको गांव आना है।
तो कुछ पूछताछ के बाद उन्होंने भी हां कह दिया।
फिर मैंने मेरी दीदी को फोन किया और कहा कि, दी आपको आज गांव आना है मैं भी आ रहा हूं।
दी मेरी बात कभी नहीं टालती है तो मुझे यकीन था वो जरूर आयेगी।
मैने धीरे धीरे सभी रिश्तेदारों को इन्वाइट कर दिया और गांव जाते समय खूब मिठाई भी ले ली।
किसी भी रिश्तेदार को पापा देख न ले इसलिए उनसे कहा कि आज आपको मुझे लेने के लिए स्टेशन आना है।
वो मुझे बेहद प्यार करते हैं इसलिए चार घंटे पहले ही आ गए।
मैं ट्रेन से उतरा तो देखा कि पापा तो बैठे हैं, मैं धीरे से निकल कर घर आ गया।
और चार घंटे में पूरी तरह से तैयारी करने के बाद, सभी रिश्तेदारों को आराम से बिठाकर, उन्हें बैठा हुआ छोड़कर बैग लेकर स्टेशन पर आ गया।
और फिर पापा को कहा कि ट्रेन लेट हो गई।
उन्होंने कहा, कोई बात नही।
मैने पैर छुए तो मुझे ग्लानि हुई कि आज ऐसे इंसान से झूठ बोल दिया। जिसने मुझे बोलना सिखाया था और आज मैने इसका गलत इस्तेमाल कर लिया।
लेकिन मेरी आंख में आंसू नहीं आया।
हम घर पहुंचे, तो पापा ने कहा - ये शोर कैसा है।
मैने सोचा - आज आपको सरप्राइज जो देना है।
मैं आंगन में गया पापा मेरे पीछे थे।
मैने बैग फेंककर पापा को चूमा और कहा, “हैप्पी बर्थडे पापा"
सभी रिश्तेदार आ गए सभी रिश्तेदारों को केक खिलाया फिर मिठाई बांटी।
पापा की आंखो में आंसू निकलने लगे और मेरे भी।
एक पल के लिए मेरा घर बाग बन गया और पापा उसके एकमात्र गुलाब के फूल।
सभी ने बधाईयां दी।
मैने इतने लोगों के बीच पापा को इतना खुश देखा जितनी खुशी मैने अपनी जिंदगी में अपने पापा के दिल में नहीं देखी थी।
आज पापा बेहद खुश थे।
मैंने कहा - पापा सॉरी।
मैं पहले घर आकर फिर वापिस स्टेशन गया था।
तो मुझे देखकर सभी हंसने लगे।
मैं अचम्भित हो गया कि ये क्या हो रहा है।
पापा पीठ थपथपाकर बोले - "बेटा मैं तेरे पीछे पीछे घर आया था और जिस चाव से तू तैयारियां कर रहा था मैं उसी चाव से तुम्हे देख रहा था।
तैयारियों के चक्कर में तू मुझसे टकराया भी था, लेकिन तू इतना मगन हो गया कि तुझे एहसास ही नहीं हुआ कि तू क्या कर रहा है।
और जब तू वापिस स्टेशन गया तो मैं तेरे आगे आगे गया, और तुझे एहसास ही नहीं होने दिया।
की मैं अभी अभी आया हूं।
मैं तुम्हे देखकर हैरान हुआ कि तू मुझे स्टेशन बुलाकर इतनी तेज घर क्यों जा रहा है।
लेकिन जब मैने तुम्हे इस तरह देखा तो मुझे वापिस स्टेशन जाना पड़ा।