एक दिन अचानक वह हमें हमेशा के लिए अकेले छोड़ गयीं । जाने के बाद पता चला, डाकघर में भतीजे-भतीजियों के... एक दिन अचानक वह हमें हमेशा के लिए अकेले छोड़ गयीं । जाने के बाद पता चला, डाकघर म...
आज भी जब वो दृश्य याद आता है तो बरबस हंसी आ जाती है। आज भी जब वो दृश्य याद आता है तो बरबस हंसी आ जाती है।
राजू ने जवाब दिया कि जो कल थी कजिन तुम्हारी, वह पिछले हफ्ते तक थी कजिन हमारी राजू ने जवाब दिया कि जो कल थी कजिन तुम्हारी, वह पिछले हफ्ते तक थी कजिन हमारी
जिन्दगी में सब कुछ हैं पर जिसने उसे यहाँ तक पहुंचाया, वही नहीं हैं। जिन्दगी में सब कुछ हैं पर जिसने उसे यहाँ तक पहुंचाया, वही नहीं हैं।
जय छोटा था सही गलत की समझ नहीं थी, प्रिय ने उसकी ग़लती देखकर उसे तुरंत समझाया जय छोटा था सही गलत की समझ नहीं थी, प्रिय ने उसकी ग़लती देखकर उसे तुरंत समझाया
मैं स्कूल जाते समय रोज पार्क में कबूतरों के लिये चावल डालती, जिसे कबूतरों के साथ गिलहरी भी खाती। ... मैं स्कूल जाते समय रोज पार्क में कबूतरों के लिये चावल डालती, जिसे कबूतरों के साथ...