जय छोटा था सही गलत की समझ नहीं थी, प्रिय ने उसकी ग़लती देखकर उसे तुरंत समझाया जय छोटा था सही गलत की समझ नहीं थी, प्रिय ने उसकी ग़लती देखकर उसे तुरंत समझाया
और कोई सामान अशुभ नहीं होता तो सुराही क्यूँ और कोई सामान अशुभ नहीं होता तो सुराही क्यूँ
तब गोपाल को अपनी गलती का एहसास हो गया। गोपाल ने मास्टरजी से माफी माँगी और कहा,"मैं अबसे अच्छे से पढ़ा... तब गोपाल को अपनी गलती का एहसास हो गया। गोपाल ने मास्टरजी से माफी माँगी और कहा,"म...
लवली मन ही मन सोचने लगी कि एक सीधी बात कितना कुछ बदलाव ला देती है ज़िन्दगी में। लवली मन ही मन सोचने लगी कि एक सीधी बात कितना कुछ बदलाव ला देती है ज़िन्दगी में।
वो सोच रहा था पहली मुलाक़ात भी हम दोनों की एक ट्रेज़डी ही थी वो सोच रहा था पहली मुलाक़ात भी हम दोनों की एक ट्रेज़डी ही थी
मैं जानती हूँ बिना माँ के बचपन कैसा होता है। मेरी माँ नहीं थी... पूरा बचपन आया के भरोसे पली हूँ। वही... मैं जानती हूँ बिना माँ के बचपन कैसा होता है। मेरी माँ नहीं थी... पूरा बचपन आया क...