आज भी जब वो दृश्य याद आता है तो बरबस हंसी आ जाती है। आज भी जब वो दृश्य याद आता है तो बरबस हंसी आ जाती है।
जन्म, मरण, बदलाव, खोना, पाना, पाकर खो देने यही सृस्टि का विधान है। और विधान ही मोह है। जन्म, मरण, बदलाव, खोना, पाना, पाकर खो देने यही सृस्टि का विधान है। और विधान ही म...
मुझे तो पूरा शहर जानता है। तुम कैसे कंफ्यूज हो गये मुझे तो पूरा शहर जानता है। तुम कैसे कंफ्यूज हो गये
धरती पर अंतरिक्ष ठीक से लिपटे होने की गंध। धरती पर अंतरिक्ष ठीक से लिपटे होने की गंध।