कानों में बस झूठे बोल बसे थे कानों में बस झूठे बोल बसे थे
इस तरह हमारा अंतिम साल का अंतिम दिन हमेशा के लिए यादगार बन गए। इस तरह हमारा अंतिम साल का अंतिम दिन हमेशा के लिए यादगार बन गए।
उष्मा सभर हाथ ने दिल में अपनापन जगाया तो आँखें हंस पड़ी। उष्मा सभर हाथ ने दिल में अपनापन जगाया तो आँखें हंस पड़ी।
और कुछ लोग हमारे अच्छे मित्र भी बन जाते हैं, जैसे प्रयाग समल मेरे मित्र बन गए ।। और कुछ लोग हमारे अच्छे मित्र भी बन जाते हैं, जैसे प्रयाग समल मेरे मित्र बन गए ।।
पापा ने लिखा था"बेटा डर मत मैं तुम्हारे साथ आगे की डिब्बे में ही सफर कर रहा हूं। पापा ने लिखा था"बेटा डर मत मैं तुम्हारे साथ आगे की डिब्बे में ही सफर कर रहा हूं।
दोनों एक साथ रहने का वादा करते हुए शहर की गलिओं में अपना आशियाना ढूंढ़ते हैं। दोनों एक साथ रहने का वादा करते हुए शहर की गलिओं में अपना आशियाना ढूंढ़ते हैं।