सरकारी घोषणापत्र
सरकारी घोषणापत्र
तुम्हारे फाइलों में गांव के मौसम ग़ुलाबी है,
मगर ये आंकड़े झुठे है, ये दावा किताबी है- अदम गोंडवी
सुनने में आया है, सरकार ने घोषणा की है कि हम एक साल के अंदर आत्मनिर्भर बन जाएंगे । पिछले तीन दिनों से एक मंत्री साहिबा रोज दूरदर्शन पे आकर 20 लाख करोड़ बाँटने में लगी है( अब इतनी भारी रकम को बांटने में समय तो लगेगा ही)
ठीक वैसे ही जैसे नोटबन्दी से सारे भ्रष्टाचार खत्म हो गए, जी एस टी से सारे टैक्स की चोरी रुक गई, वैसे ही जब "आत्मनिर्भरता" की सारी फ़ाइल एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर घूम चुकी होगी तो कुछ महीने बाद सरकार बयान देगी, इस वर्ष तो हम आत्मनिर्भर न बन सके, पर हम जरूर अगले साल तक आत
्मनिर्भर हो जाएंगे और फिर से( लाख करोड़) का पैकेज का एलान कर दिया जाएगा
उनकी एक अदा है, उनकी अदा पर ही सरकार टिकी है, (अपने सिंह साहब के पास बस यही अदा नहीं थी, उन्हें तो रेनकोट पहनकर नहाना भी नहीं आता था)
उन्होंने कहा टैक्स तो -तुम देंने लगे, उन्होंने कहा नोटबन्दी ठीक है- तुमने कहा बिल्कुल ठीक है, उन्होंने कहा देश के लिए त्याग करो - तुमने कहा लंगोटी उतार लो
अब उन्होंने कहा है, ' आत्मनिर्भर' बनो - तो तुमने कहा' '
कुछ भी कहो तुम उनकी अदा पर मरते हो
एक शेर अमीर मीनाई की
आफ़त तो है वो नाज़ भी अंदाज़ भी लेकिन
मरता हूं मैं जिस पर वो अदा और ही कुछ है।