स्पेशल इवनिंग…
स्पेशल इवनिंग…
आज आख़िर इतने दिन का वादा पूरा हो ही गया…
इतने दिनों से मिलते हैं..मिलते हैं..बाहर मिलते हैं..मिलकर बात करते हैं…यही सब हो रहा था…आज उसका फ़ोन आया....एक तो बहुत दिनों के बाद फ़ोन आया...लाज़मी हैं की बातें भी बहुत सारी थी और बात करने का मन भी हो रहा था...तो जब बात हुई की शाम को बाहर चलते हैं…तो अब ना करने का कोई सवाल ही नहीं था...
बारिश का मौसम था। थोड़ी ही देर पहले बारिश हो चुकी थी और मौसम भी सुहाना हो रहा था। उसकी गाड़ी में हम दोनों ही निकल गए। थोड़ी दूर जाकर वह हँसते हुए कहने लगी, " बाय द वे, वेयर वी आर गोइंग? हम कहाँ जा रहे हैं? देखो, सवाल कितना लेट आया..."
"देखते हैं, कहीं अच्छी जगह चलते हैं…" काफी देर गाडी में बैठने के बाद मंज़िल के बारें में पूछना... शायद इसी को तो कम्फर्ट लेवल कहते हैं… जानते हैं की जिसके साथ भी जा रहे हो वह सही जगह ही लेकर जाएगा...
जाने के लिए ना नुकुर...कहाँ जाना हैं ? किसके साथ जाना हैं? जाना हैं भी या नहीं? टाइप की बातें ही पहले होती रहती थी..वह मन ही मन सोचने लगी…यही तो हैं इक्कीसवी सदी...यहाँ तो अब ऐसे ही होगा..
हाँ, तो जिस तरह की इनहीबीटिंग बातें जो मन ही मन सोच रही थी वह कही दूर दूर तक भी नहीं दिखाई दे रही थी... वक़्त वाकई बदल गया था...बातें करते हुए हम एक जगह गए...एम्बियंस नार्मल था... अगेन...जो बात मुझे उसके साथ जाने के लिए कही अंदर तक रोक रही थी वहाँ ऐसा कुछ भी नहीं था... "आप के लिए यहाँ आये हैं। वेज़ अँड नॉन वेज़ बोथ आर अवेलेबल हियर…"
"नो, विथ वेज़ पर्सन, आय विल हैव वेज़… नो नॉनवेज़…" हम दोनों ही हँसने लगे…
सिम्पली खाना खाकर हम वापस आ गए... हाँ, हमने बहुत सी इधर उधर की बातें की...
यह एक नार्मल इवनिंग थी... लेकिन अपने आप में वह बिलकुल भी नार्मल इवनिंग नहीं थी... क्योंकि इसके पहले अपनी पूरी लाइफ में यूँ शाम को वह ऐसे किसी के साथ बाहर नहीं गयी थी.. या यूँ कहे की आज शाम को वह किसी के साथ बाहर जाकर आयी थी...
क्या था यह सब? वह अपने मन में सोचने लगी...जो बातें आज एकदम सिंपल लग रही थी..इसके पहले क्यों यह सब कठिनतम लगता था...
कही यह इमेज का मसला तो नहीं?
कही यह सोशल रूल्स की बात तो नहीं?
कही यह थॉट्स प्रोसेस का मामला तो नहीं?
बीइंग फीमेल कही यह उसके अपने ब्रेन की कंडीशनिंग तो नहीं जिसके कारण उसने अपने चारों ओर इस तरह की कोई 'Do and Don't वाली बाउंड्री खींच दी हो और जिसका पता उसे अब लग रहा हो?
जो भी हो... वह इवनिंग उसके लिए बेहद खास रही....
आज जाने अनजाने बहुत सारी अनकही बाधाएँ पार हुई थी...
